मणिमहेश यात्रा के दौरान आई प्राकृतिक आपदाओं ने हालात को बेहद कठिन बना दिया है. भूस्खलन, बादल फटने और कई जगहों पर सड़कें बह जाने के कारण हजारों तीर्थयात्री रास्तों में फंस गए थे. अब धीरे-धीरे हालात सामान्य हो रहे हैं और करीब 15,000 श्रद्धालु भरमौर और आस-पास के इलाकों से पैदल घर वापसी की ओर रवाना हो गए हैं.

भरमौर के विधायक डॉ. जनक राज ने बताया कि प्रशासन की ओर से राहत कार्यों की गति धीमी है, लेकिन स्थानीय लोग और बीजेपी कार्यकर्ता लगातार मदद कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि "अब तक मृतकों की आधिकारिक संख्या 11 बताई गई है. आने वाले दिनों में यह आंकड़ा और स्पष्ट हो जाएगा. सौभाग्य से बड़ी संख्या में जनहानि नहीं हुई है."

खराब रास्तों के कारण करीब 20-25 यात्री हो गए घायल

डॉ. जनक राज ने कहा कि हर साल मणिमहेश यात्रा के दौरान खराब रास्तों के कारण करीब 20-25 यात्री घायल हो जाते हैं, लेकिन इस साल की प्राकृतिक आपदाओं ने यात्रा को और भी चुनौतीपूर्ण बना दिया.

उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान कांग्रेस सरकार इस संकट में पूरी तरह नाकाम रही है. उन्होंने कहा कि "सरकार के आलाकमान को इस बात की परवाह नहीं कि चंबा जिले के लोग किस मुश्किल में हैं. प्रशासन की मदद लगभग शून्य है, जबकि जनता स्वयं एक-दूसरे की सहायता कर रही है."

हर तीर्थयात्री सुरक्षित घर जाएगा जाएगा- जनक

विधायक ने बताया कि बीजेपी कार्यकर्ता, युवा मोर्चा और महिला मोर्चा के सदस्य लगातार राहत कार्यों में जुटे हुए हैं. जो परिवार भोजन और राशन की कमी झेल रहे हैं, उन्हें तुरंत सहायता दी जा रही है. इसके अलावा जिन परिवारों को अन्य सुविधाओं की जरूरत है, उन्हें भी उपलब्ध कराई जा रही हैं.

डॉ. राज ने फंसे हुए तीर्थयात्रियों से सीधे संपर्क कर उन्हें भरोसा दिलाया कि उनकी सुरक्षित घर वापसी सुनिश्चित की जाएगी. उन्होंने स्थानीय लोगों की सराहना करते हुए कहा कि उनकी त्वरित मदद के कारण ही हजारों तीर्थयात्रियों को राहत मिल सकी है.