शिमला में संजौली पुलिस चौकी के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ, जेल भरो आंदोलन की चेतावनी
Shimla News: शिमला में संजौली चौकी के बाहर देवभूमि संघर्ष समिति ने हनुमान चालीसा का पाठ किया. 6 अक्टूबर के बाद राज्य सरकार को आंदोलन की चेतावनी दी है.
Shimla Mosque Latest Update: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली इलाके में पुलिस चौकी के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ किया गया. देवभूमि संघर्ष समिति ने पुलिस चौकी के बाहर खड़े होकर ही हनुमान चालीसा का पाठ किया.
इससे पहले संजौली के लक्ष्मी नारायण मंदिर में हनुमान चालीसा का पाठ किया जाना था, लेकिन बाद में यह पाठ संजौली पुलिस चौकी के बाहर किया गया. देवभूमि संघर्ष समिति ने आरोप लगाए कि कई महिला कार्यकर्ताओं को जानबूझकर परेशान किया जा रहा है. संजौली चौकी में घंटों तक महिला कार्यकर्ताओं को बिठाकर पूछताछ करवाई जा रही है. सरकार सनातन की आवाज को दबाने की कोशिश कर रहा है.
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— Ankush Dobhal🇮🇳 (@DobhalAnkush) October 4, 2024
कार्यकर्ताओं को जानबूझकर किया जा रहा परेशान- मदन ठाकुर
देवभूमि संघर्ष समिति के सह संयोजक मदन ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार सनातन धर्म की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि महिला कार्यकर्ताओं को जानबूझकर परेशान किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का यह रवैया दुर्भाग्यपूर्ण है. मदन ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश पुलिस भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं की तरह काम कर रही है. पुलिस को यह ध्यान रखना चाहिए कि वह सरकारी कर्मचारी हैं न कि कांग्रेस के कार्यकर्ता हैं.
उन्होंने कहा कि 6 अक्टूबर को आगामी रणनीति तैयार की जाएगी. अगर 5 अक्टूबर को जन भावनाओं के मुताबिक फैसला न आया, तो आने वाले वक्त में जेल भरो आंदोलन की शुरुआत होगी.
पशुओं के साथ जेल भरो आंदोलन की चेतावनी
मदन ठाकुर ने कहा कि देवभूमि संघर्ष समिति जेल भरो आंदोलन की शुरुआत को लेकर रणनीति तैयार करेगी. अगर राज्य सरकार जन भावनाओं को ध्यान नहीं रखती है, तो पूरे परिवार और पशुओं के साथ जेल भरो आंदोलन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि जब वह सब पशुओं को लेकर जेल में आएंगे, तब उनके चेहरे की व्यवस्था करना भी राज्य सरकार की जिम्मेदारी होगी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को यह समझना चाहिए कि यह जन भावनाओं का मामला है और इसमें जल्द से जल्द फैसला किया जाना चाहिए.
संजौली मस्जिद मामले में 5 अक्टूबर को सुनवाई
शिमला की संजौली मस्जिद मामले में 7 सितंबर को सुनवाई हुई थी. 7 सितंबर को सुनवाई के दौरान मस्जिद कमेटी यह नहीं बता सकी थी कि बिना नक्शे के मंजिलों का निर्माण किसने कर दिया. मस्जिद कमेटी के अलावा वक्फ बोर्ड भी इसकी जानकारी नहीं दे सका था. इसके बाद मस्जिद कमेटी और वक्फ बोर्ड की ओर से कहा गया कि उन्हें इस पूरी इमारत की स्टेटस रिपोर्ट दे दी जाए, जिस पर वे जवाब दाखिल करेंगे.
इसके कुछ दिनों बाद मस्जिद कमेटी नगर निगम आयुक्त के पास पहुंची और मस्जिद के उस हिस्से को हटाने के लिए अपनी सहमति जाहिर की, जिसे अवैध बताया जा रहा है. गेंद अब नगर निगम आयुक्त के पाले में है. 5 अक्टूबर को होने वाली सुनवाई में क्या फैसला लिया जाएगा, इस पर सब की निगाहें टिकी हुई हैं.
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