Himachal Pradesh News: न्याय की आस लेकर पुलिस के पास जाने वाले लोगों की राह आसान करने की तैयारी की जा रही है. हिमाचल प्रदेश सरकार एक बड़े बदलाव की तैयारी कर रही है. मंगलवार को पुलिस विभाग की एक महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि जल्द ही पुलिस चौकियों को भी एफआईआर दर्ज करने के लिए अधिकृत किया जाएगा.
अब तक सिर्फ पुलिस थानों में ही एफआईआर दर्ज होती है. इसके लिए चौकियां अधिकृत नहीं हैं. राज्य सरकार के इस कदम के बाद इलाके में पनपने वाले शरारती तत्वों पर भी लगाम लगाने में मदद मिलेगी. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पंजीकृत पुलिस चौकियों को एफआईआर दर्ज करने का अधिकार दिया जाएगा. इसके लिए इन चौकियों को अपराध और अपराधिक ट्रैकिंग नेटवर्क प्रणाली (CCTNS) से भी जोड़ा जाएगा.
एक साल साइबर अपराध की 11892 शिकायतें
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य में साइबर अपराध के मामलों पर गहरी चिंता व्यक्त की है. साल 2024 साइबर अपराध की 11 हजार 892 शिकायतें दर्ज की गई हैं. इसमें 114.94 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई. साइबर सेल में इनमें से 11.59 करोड़ रुपये सफलतापूर्वक ब्लॉक किये हैं. यह कुल धोखाधड़ी का 10.08 फीसदी है. मुख्यमंत्री ने साइबर अपराधों के प्रति जागरूकता बढ़ाने और अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार कानून प्रवर्तन और आपातकाल सेवाओं को मजबूत बनाने के अलावा साइबर अपराध की चुनौतियों से लड़ने के लिए मजबूती के साथ काम कर रही है.
पुलिस जवानों की भर्ती प्रक्रिया जारी
हिमाचल प्रदेश पुलिस में जवानों की कम संख्या भी एक चिंता का विषय है. यह लंबे वक्त से चर्चा का विषय भी बना रहा है. इस पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि कर्मचारियों की कमी को दूर करने के लिए प्रदेश सरकार जल्द ही खाली पदों को भरेगी. उन्होंने कहा कि 1 हजार 226 पुलिस जवान और 30 सब-इंस्पेक्टर की भर्ती प्रक्रिया जारी है. राज्य की जनता को बेहतर सुविधा देने के लिए पुलिस सुधार बेहद अहम हैं. प्रदेश सरकार अपराधियों के खिलाफ कड़े कानून सुनिश्चित कर रही है. जल्द ही हिमाचल प्रदेश में ड्रग माफिया के खिलाफ प्रदेश में एंटी ड्रग एक्ट बनाया जाएगा.
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