Himachal Pradesh Politics News: राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की लोकसभा से सदस्यता रद्द होने के बाद देशभर में कांग्रेस (Congress) पार्टी मुखर नजर आ रही है. राहुल गांधी की सदस्यता रद्द होने के बाद विपक्ष को एक मंच पर लाने की लगातार कोशिश हो रही है. ऐसे में हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह (Pratibha Singh) ने कहा कि राहुल गांधी की सदस्यता रद्द करना लोकतंत्र की हत्या है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की सदस्यता रद्द किए जाने के बाद पूरा विपक्ष एक साथ है. राहुल गांधी के समर्थन में 18 विपक्षी दल एक साथ आए हैं. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी लगातार सरकार से सवाल पूछ रहे थे, इसलिए उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई.


प्रतिभा सिंह ने कहा कि आज से पहले देश के इतिहास में कभी ऐसा नहीं देखा गया. यह पहली बार है जब इस तरह लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है. प्रतिभा सिंह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी जगह-जगह जाकर लोगों तक यह बात पहुंचाएगी. इससे आम जनता को पता चल सकेगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किस तरह का बर्ताव कर रहे हैं.


पदाधिकारियों के बारे में पुनर्विचार करे आलाकमान- प्रतिभा सिंह
हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने राहुल गांधी के समर्थन में हुए प्रदर्शन में शामिल न होने पर भार मुक्त किए गए पदाधिकारियों को लेकर बयान दिया. प्रतिभा सिंह ने कहा कि आलाकमान को इस बारे में विचार करना चाहिए. एक दिन पहले फोन करने पर अगले दिन पदाधिकारी नहीं पहुंच सके. इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं के पास संसाधन भी नहीं होते हैं. ऐसे में उन्हें इसके लिए समय दिया जाना चाहिए. उन्होंने आलाकमान से आग्रह किया है कि इस बारे में पुनर्विचार किया जाए. हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने कहा कि पदाधिकारियों को आलाकमान की ओर से कुछ समय दिया जाना जरूरी है.


पद मुक्त किए गए हैं 112 पदाधिकारी
गौरतलब है कि भारतीय युवा कांग्रेस ने राहुल गांधी के समर्थन में दिल्ली में प्रदर्शन किया. युवा कांग्रेस का संसद घेराव का कार्यक्रम था. इस कार्यक्रम में सभी पदाधिकारियों को आने के लिए कहा गया था. कुछ पदाधिकारी इस कार्यक्रम में नहीं गए. इसके बाद कार्रवाई करते हुए इन 112 पदाधिकारियों को भार मुक्त कर दिया गया. हिमाचल यूथ कांग्रेस प्रभारी अमरप्रीत सिंह लाली का कहना है कि इस मामले में जल्द ही बैठक की जाएगी. बैठक में पदाधिकारियों से कारण पूछे जाएंगे. जो पदाधिकारी वाजिब कारणों के चलते नहीं पहुंच सके  उन्हें दोबारा जिम्मेदारी दी जाएगी. उन्होंने कहा कि फिलहाल महिला पदाधिकारियों पर आलाकमान ने कोई कार्रवाई नहीं की है. आलाकमान सभी कार्यकर्ताओं की बात सुनने के बाद इस मामले में फैसला लेगा.



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