Himachal BJP Chief: हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को फरवरी महीने में नया अध्यक्ष नियुक्त होना है. दिल्ली चुनाव से पहले ही हिमाचल में नए अध्यक्ष की नियुक्ति की चर्चा थी. बाद में इसे दिल्ली चुनाव तक रोकने की बात कही गई. चूंकि अब दिल्ली चुनाव के नतीजे घोषित हो चुके हैं. ऐसे में हिमाचल प्रदेश में नए अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर सियासी चर्चा तेज हो गई है.
हिमाचल बीजेपी को इसी महीने मिलना है नया अध्यक्ष हिमाचल में नए अध्यक्ष की नियुक्ति का ज़िम्मा केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह के कंधों पर है. वे दिल्ली में मुख्यमंत्री की नियुक्ति के बाद हिमाचल प्रदेश का दौरा कर सकते हैं. कुल-मिलाकर इसी महीने में हिमाचल बीजेपी को नया अध्यक्ष मिल सकता है.
इससे पहले अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल भारतीय जनता पार्टी के तमाम नेता दिल्ली दरबार में जाकर लॉबिंग में जुटे हुए हैं. अपने फैसलों से सबको हैरान करने वाली भारतीय जनता पार्टी के लिए कुछ भी पुख्ता तौर पर कहना समझदारी नहीं मानी जाती. लेकिन, फिर भी जानकार अपनी समझ के मुताबिक सियासी भविष्यवाणी में लगे हुए हैं.
बिंदल के तीसरी बार अध्यक्ष बनने की चर्चाअप्रैल 2023 में नगर निगम शिमला चुनाव से ठीक पहले डॉ. राजीव बिंदल को दोबारा अध्यक्ष बनाया गया था. इससे पहले जब भी साल 2020 में प्रदेश अध्यक्ष थे, तब कोरोना काल के दौरान कथित भ्रष्टाचार से जुड़े एक मामले में नाम जोड़े जाने पर उन्होंने नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दिया था.
बिंदल ने अपने इस्तीफा में स्पष्ट किया था कि वह नैतिकता के आधार पर पार्टी अध्यक्ष का पद छोड़ रहे हैं. बाद में जब इस तरह के आरोप साबित नहीं हो सके, तो पार्टी ने उन्हें दोबारा अध्यक्ष पद सौंपा. अगर हिमाचल बीजेपी तीसरी बार डॉ. राजीव बिंदल को अध्यक्ष बनाती है, तो वे तकनीकी रूप से तीसरी बार पार्टी के अध्यक्ष बन जाएंगे.
नए अध्यक्ष के लिए भी दौड़ में शामिल कई बड़े नेता अगर डॉ. राजीव बिंदल को अध्यक्ष नहीं बनाया जाता, तो अध्यक्ष पद जिला कांगड़ा की झोली में जा सकता है. पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार के बाद बीजेपी में अब तक कोई अध्यक्ष जिला कांगड़ा से नहीं बना है. ऐसे में 'कांगड़ा के किले' को साधने की कोशिश की जा सकती है. कांगड़ा हिमाचल का सबसे बड़ा जिला भी है और यहां विधानसभा की 15 सीट हैं.
बीजेपी किसी भी नियुक्ति के साथ संकेत देने की कोशिश जरूर करती है. ऐसे में अगर क्षेत्रीय समीकरण के साथ जातीय समीकरण साधने हों, तो पार्टी मौजूदा राज्यसभा सांसद डॉ. राजीव भारद्वाज पर दाव खेल सकती है. वे हिमाचल बीजेपी में चल रहे सांगठनिक चुनाव के अधिकारी भी हैं. लंबे वक़्त से भारतीय जनता पार्टी ने ब्राह्मण बिरादरी से अध्यक्ष का चयन नहीं किया है.
राज्यसभा सांसद होंगे बीजेपी के नए 'सिकंदर'?हिमाचल BJP अध्यक्ष पद की दौड़ में मौजूदा राज्यसभा सांसद डॉ. सिकंदर कुमार और जसवां परागपुर से विधायक बिक्रम सिंह ठाकुर भी शामिल हैं. बिक्रम सिंह पूर्व में परिवहन एवं उद्योग मंत्री रह चुके हैं. राज्यसभा सांसद सिकंदर को ने तो मंगलवार को ही केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से भी मुलाक़ात की है.
सिकंदर कुमार हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति रह चुके हैं. कुलपति रहते हुए ही उन्हें राज्यसभा का सांसद बनाया गया था. कुलपति का पद छोड़ने के बाद उन्होंने सांसद का पद ग्रहण किया. अनुसूचित जाति की मज़बूत आवाज़ सिकंदर कुमार के साल 2023 में भी अध्यक्ष बनने की चर्चा थी.
चर्चा में नड्डा के सबसे करीबी विधायक का भी नामहिमाचल प्रदेश में बीजेपी अध्यक्ष बनने के लिए जिस नाम की सबसे लंबे समय से चर्चा है, वह नाम त्रिलोक जम्वाल का है. जम्वाल बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के सबसे करीबी माने जाते हैं. मौजूदा वक्त में बिलासपुर सदर से विधायक हैं. नड्डा और जम्वाल का साथ छात्र राजनीति के दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का है.
हिमाचल विधानसभा में सदन की भीतर बीजेपी की मजबूत आवाज बनकर उभर रहे जम्वाल को जगत प्रकाश की पहली पसंद भी माना जाता है. वे बिलासपुर से आते हैं और यह क्षेत्र हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में है. इस तरह नड्डा अपने सबसे करीबी त्रिलोक जम्वाल को भी राज्य का अध्यक्ष बना सकते हैं.
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