(Source: ECI | ABP NEWS)
मंडी समेत हिमाचल में बारिश का कहर, 53 लोगों की मौत, हजारों घर जमींदोज
Mandi Landslide: हिमाचल में बरसात ने भारी तबाही मचाई. इधर, मंडी में 53 मौतें और सैकड़ों घर जमींदोज हो गए. सरकार ने 7 लाख राहत राशि और शिविरों में व्यवस्था की है. साथ ही विपक्ष ने स्थायी समाधान मांगा.

हिमाचल प्रदेश में इस बार बरसात ने भारी तबाही मचाई है. लगातार ढाई महीने से हो रही बारिश ने जहां पूरे प्रदेश में भूस्खलन, बादल फटने और फ्लैश फ्लड जैसी घटनाओं से जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया, वहीं मंडी जिला भी इससे अछूता नहीं रहा. जिला प्रशासन के अनुसार अकेले मंडी में ही 53 लोग इस प्राकृतिक आपदा की भेंट चढ़ गए हैं और 27 लोग अब भी लापता हैं.
जिला उपायुक्त अपूर्व देवगन ने बताया कि बरसात के चलते मंडी में 551 घर पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं, जबकि 1082 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं. इसके अलावा 1675 गौशालाएं और 310 दुकानें ढह गईं. इस आपदा में 1300 से ज्यादा मवेशियों की मौत हो चुकी है. उन्होंने कहा कि प्रभावित परिवारों को राहत पहुंचाने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है. जिन परिवारों के घर पूरी तरह टूट गए हैं, उन्हें राहत मैनुअल के तहत सात लाख रुपये की सहायता राशि दी जा रही है. अब तक लगभग आठ करोड़ रुपये सीधे पीड़ितों के खातों में डाले जा चुके हैं. वहीं, जो लोग किराए के मकानों में रह रहे हैं उन्हें किराए की सुविधा और अस्थायी राहत शिविरों में भोजन-पानी की व्यवस्था की गई है.
बादल फटना, फ्लैश फ्लड और भूस्खलन से 360 से अधिक मौतें
नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी आपदा प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि इस मानसून सीजन में प्रदेश में अब तक 45 बादल फटने की घटनाएं, 91 फ्लैश फ्लड और 105 भूस्खलन दर्ज किए गए हैं. पूरे प्रदेश में 360 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और हजारों परिवार बेघर हो गए हैं.
सराज क्षेत्र के गांवों में भूस्खलन से भारी तबाही
जयराम ठाकुर ने अपने विधानसभा क्षेत्र सराज की तांदी पंचायत के लाछ और लठली गांव का भी दौरा किया. यहां 35 मकानों को खाली करवाना पड़ा क्योंकि जमीन लगातार धंस रही है. अब तक करीब 12 से 15 फीट तक गांव की जमीन बैठ चुकी है और हर दिन एक से दो फीट तक नीचे धंस रही है. आठ मकान पूरी तरह जमींदोज हो चुके हैं, जबकि कई अब रहने लायक नहीं बचे हैं.
खुले आसमान के नीचे जीवन यापन की मजबूर लोग
ग्रामीणों ने नेता प्रतिपक्ष के सामने अपनी पीड़ा रखते हुए कहा कि वे घर उजड़ने के बाद खुले आसमान तले जीवन-यापन को मजबूर हैं. जयराम ठाकुर ने इस आपदा को बेहद गंभीर करार देते हुए सरकार से तुरंत राहत और स्थायी पुनर्वास की ठोस व्यवस्था करने की मांग की.
इस बीच, मंडी और अन्य प्रभावित जिलों में राहत एवं बचाव कार्य जारी है. मौसम धीरे-धीरे साफ हो रहा है और प्रशासन ने प्रभावित परिवारों को आश्वस्त किया है कि हर संभव सहायता मुहैया कराई जाएगी.
Source: IOCL
























