हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने शुक्रवार को मंडी आपदा प्रभावितों के लिए राहत सामग्री रवाना की और इस दौरान सरकार की भूमिका पर कई तीखे सवाल भी उठाए. उन्होंने कहा कि राजभवन अपने स्तर पर राहत सामग्री भेजने में सक्षम है लेकिन उन्हें अब तक इस बात की जानकारी नहीं है कि सरकार ने मंडी जिला में अब तक क्या मदद पहुंचाई है.

राजभवन से तीन गाड़ियों में राहत सामग्री को रवाना करते वक्त राज्यपाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा, 'हमारी तरफ से जो संभव था, हमने किया. अब तक सरकार ने क्या किया है, इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है.' उन्होंने यह भी बताया कि वे खुद भी आपदा प्रभावित क्षेत्र का दौरा करने जा रहे हैं.

पीएम मोदी ने जताई चिंता, मदद का भरोसा

राज्यपाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हुई मुलाकात का जिक्र करते हुए कहा कि पीएम हिमाचल में आई आपदा को लेकर चिंतित हैं. प्रधानमंत्री ने प्रदेशवासियों से अपने जीवनशैली में बदलाव लाने की बात कही है और भरोसा दिलाया है कि केंद्र सरकार की तरफ से हरसंभव मदद जारी रहेगी. राज्यपाल ने यह भी बताया कि केंद्रीय टीम की रिपोर्ट आने के बाद मदद और तेज की जाएगी.

92 लाख की नई कार को लेकर भी बयान

हाल ही में राज्यपाल के लिए 92 लाख रुपए की नई कार खरीदे जाने को लेकर विवाद खड़ा हुआ था. इस पर सफाई देते हुए राज्यपाल शुक्ल ने कहा कि पुरानी गाड़ी दिल्ली में चलने के नियमों के मुताबिक उपयोग के लायक नहीं थी, इसलिए सरकार ने नई गाड़ी ली है. उन्होंने यह भी कहा, 'सरकार को यह बात पहले ही स्पष्ट करनी चाहिए थी कि नई गाड़ी क्यों खरीदी गई है.'

नशा मुद्दे पर बयान पर भी दी सफाई

जब राज्यपाल से नशे को लेकर उनकी टिप्पणी पर मुख्यमंत्री की नाराजगी के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने साफ कहा कि उन्होंने सिर्फ नशा निवारण केंद्र खोलने की बात कही थी. उन्होंने कहा, 'मुख्यमंत्री किस बात से नाराज हैं, यह वही जानें. मेरी मंशा सिर्फ प्रदेश को नशा मुक्त करने की है.'

सरकार और राजभवन के बीच लगातार तकरार

राज्यपाल और राज्य सरकार के बीच पिछले कुछ समय से कई मुद्दों को लेकर मतभेद सामने आते रहे हैं. कभी विश्वविद्यालयों की नियुक्तियों को लेकर तो कभी नीतिगत मामलों पर दोनों पक्ष आमने-सामने आ जाते हैं. अब 92 लाख की कार और मंडी आपदा पर मदद को लेकर भी दोनों पक्षों में दूरियां साफ दिख रही हैं.