(Source: ECI | ABP NEWS)
हिमाचल: भरमौर में मणिमहेश यात्रा का रेस्क्यू खत्म, 17 की मौत, अफवाहों पर सरकार सख्त
Chamba News: हिमाचल प्रदेश के भरमौर में मणिमहेश यात्रा के दौरान फंसे सभी यात्रियों को रेस्क्यू कर लिया गया है. 17 लोगों की मृत्यु हुई, और सेना ने दो दिनों में 588 लोगों को बचाया.

हिमाचल के चंबा के भरमौर में फंसे लोगों का रेस्क्यू खत्म हो गया है. मणिमहेश यात्रा में गए सभी लोगों लोगों को वहां से निकाल लिया गया है. भरमौर में 17 यात्रियों की मौत हुई है. दो दिन में सेना के चिनूक हेलीकॉप्टर से फंसे 588 लोगों को रेस्क्यू कर लिया गया है.
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि मणिमहेश यात्रा के दौरान फंसे सभी श्रद्धालु और वाहन अब सुरक्षित रूप से अपने गंतव्य तक पहुंच गए हैं. केवल कुछ पुलिस जवान, एनडीआरएफ कर्मी, स्थानीय दुकानदार और वाहन चालक ही अब वहां पर शेष हैं. गुरुवार (4 सितंबर) को सेना के एम-17 हेलीकॉप्टरों की चार उड़ानों के जरिये लगभग 400 लोगों को सुरक्षित निकाला गया और दो श्रद्धालुओं के पार्थिव शरीर चंबा पहुंचाए गए. इससे पहले बुधवार को भी 500 से अधिक श्रद्धालुओं को हवाई मार्ग से सुरक्षित निकाला गया था.
नए भूस्खलनों से कार्य हुआ बाधित
उन्होंने कहा कि सड़क मार्ग बहाल करने का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है. दो से तीन दिन के भीतर ब्रह्मौर-होली मार्ग पूरी तरह से खोलने की संभावना है. क्योंकि बीच में लगातार बारिश और नए भूस्खलनों से कार्य बाधित हुआ. भारी चट्टान गिरने से रेस्क्यू में लगी मशीनरी को भी नुकसान पहुंचा है.
'वास्तविक स्थिति में 17 की हुई है मौत'
राजस्व मंत्री ने बताया कि शुरुआत में यात्रा के दौरान मृतकों की संख्या को लेकर कई तरह की अफवाहें फैलाई गई. “किसी ने कहा पांच हजार लोग फंसे हैं, किसी ने दो हजार मौतें बता दें. जबकि वास्तविक स्थिति में 17 की मौत हुई है. मौत के ज्यादातर कारण हाई एल्टीट्यूड सिकनेस या ठंड रहे हैं.
यात्रियों को पहुंचाया गया सुरक्षित गंतव्य तक
नेगी ने अफवाह फैलाने वाले यूट्यूबर और चैनलों पर कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि इस तरह के भ्रामक प्रचार से श्रद्धालुओं के परिजनों में दहशत फैलती है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इंटरनेट सेवा सरकार ने नहीं, बल्कि खराब मौसम और संचार लाइनों के क्षतिग्रस्त होने के कारण बाधित हुई थी. शुरुआती दौर में प्रशासनिक व्यवस्थाओं में कुछ कमी रही, लेकिन बाद में सड़क बहाली, टैक्सी सेवा और मुफ्त परिवहन की व्यवस्था कर यात्रियों को सुरक्षित गंतव्य तक पहुंचाया गया. राजस्व मंत्री ने लंगर समितियों और स्थानीय पंचायतों के सहयोग की सराहना करते हुए कहा कि इनके योगदान से यात्रियों को भोजन व रहने की सुविधा मिल सकी.
सरकार व्यापक करेगी समीक्षा
भविष्य की तैयारियों पर उन्होंने कहा कि मणिमहेश जैसी धार्मिक यात्राओं को सुरक्षित और सुगम बनाने के लिए सरकार व्यापक समीक्षा करेगी. सड़क मार्गों पर मशीनरी की तैनाती, ब्लॉक प्वाइंट्स पर अधिकारियों की मौजूदगी और मेडिकल सुविधाओं को और मजबूत किया जाएगा.
Source: IOCL
























