Himachal Pradesh Assembly Budget Session 2025: हिमाचल प्रदेश विधानसभा में बुधवार को 62 हजार 387 करोड़ 61 लाख 88 हजार रुपये का बजट ध्वनिमत से पारित हो गया. पिछले वर्ष की तुलना में चार हजार करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है.

बजट में किसी नए कर का प्रावधान नहीं होने से प्रदेश की जनता को बड़ी राहत मिली है. सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था, कृषि और सामाजिक सुरक्षा को प्राथमिकता दी है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बीते 17 मार्च को सदन में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 58,514 करोड़ रुपये का बजट पेश किया था. 

बजट में कुल राशि का 24% हिस्सा विकास कार्यों के लिए निर्धारित किया गया है. कर्मचारियों और पेंशनर्स के वेतन, भत्तों और पेंशन पर सरकार कुल बजट का 45% खर्च करेगी. कर्जों के ब्याज भुगतान पर 12%, कर्ज अदायगी के लिए 10%, स्वायत्त संस्थानों को अनुदान के लिए 9% बजट रखा गया है. बजट घोषणाओं में 11 नई योजनाओं का ऐलान किया गया था. सदन ने हिमाचल प्रदेश विनियोग विधेयक 2025 भी ध्वनिमत से पारित कर दिया.

बजट में आम आदमी को मिली राहत

अनुमान के अनुसार आगामी वित्त वर्ष में 6,390 करोड़ रुपये का राजस्व घाटा और 10,338 करोड़ रुपये का पूंजीगत घाटा रहेगा. सरकार की कुल राजस्व प्राप्तियां 42,343 करोड़ रुपये और राजस्व खर्च 48,733 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है. सरकार ने आगामी वित्त वर्ष में 25,000 नौकरियां देने का ऐलान किया है.

कर्मचारियों और पेंशनर्स को सौगात

कर्मचारियों और पेंशनर्स को भी बजट के जरिए सरकार ने साधने का प्रयास किया है. कर्मचारियों को 3% महंगाई भत्ता बढ़ाने, आउटसोर्स कर्मचारियों को न्यूनतम 12,750 रुपये वेतन देने और 70 से 75 वर्ष के पेंशनर्स को बकाया एरियर जारी करने का बजट में प्रावधान किया गया है. न्यूनतम दिहाड़ी को बढ़ाकर 425 रुपये, मनरेगा मजदूरी में 20 रुपये की वृद्धि करने का ऐलान किया गया है. गौरतलब है कि बीते साल मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 58444 करोड़ का बजट पेश किया था. 

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