पूर्व उद्योग मंत्री बिक्रम ठाकुर ने प्रदेश सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार पंचायत चुनाव से पहले पूरी तरह सरेंडर कर चुकी है. उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारियों के कंधे पर बंदूक रखकर आपदा का बहाना बनाते हुए चुनाव टालने की साज़िश की जा रही है.

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बिक्रम ठाकुर ने कहा कि जिला उपायुक्तों से पंचायत राज विभाग के सचिव को ऐसे पत्र भिजवाए जा रहे हैं जिनमें कहा गया है कि प्रदेश में आपदा प्रबंधन अधिनियम लागू करके पंचायत चुनाव स्थगित किए जाएं. उन्होंने इसे लोकतंत्र पर सीधा हमला बताते हुए प्रदेश सरकार की जनता से भागने की मानसिकता करार दिया.

सरकार की प्राथमिकताओं पर सवाल

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ठाकुर ने कहा कि जब मुख्यमंत्री और मंत्रीगण विदेश भ्रमण और सरकारी आयोजनों में भाग ले सकते हैं, तो पंचायत चुनाव कराने में क्या बाधा है? उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार अपनी राजनीतिक सैर-सपाटों के लिए सब सुविधाएं रखती है, लेकिन लोकतांत्रिक प्रक्रिया चलाने में पीछे रहती है.

दशहरा आयोजन बनाम पंचायत चुनाव

ठाकुर ने सवाल उठाया कि जब कुल्लू दशहरा जैसे आयोजन को पूरी धूमधाम से मनाया जा सकता है, तो पंचायत चुनाव में क्या समस्या है. उनका कहना था कि इससे स्पष्ट है कि सरकार जनता के बीच जाने से डर रही है और अपनी नाकामी छिपाने के लिए आपदा का सहारा ले रही है.

पूर्व मंत्री ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने पिछले दो वर्षों में न तो राहत कार्यों में तेजी दिखाई, न प्रभावित परिवारों को उचित मुआवज़ा दिया. अब जब जनता जवाब मांगने को तैयार है, तो आपदा की आड़ में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कुचलने की कोशिश की जा रही है.

बीजेपी की चेतावनी और लोकतंत्र की रक्षा

बिक्रम ठाकुर ने चेतावनी दी कि भारतीय जनता पार्टी इस तरह की चालबाज़ी को जनता के सामने उजागर करेगी. उन्होंने कहा कि पंचायतें लोकतंत्र की नींव हैं और इन्हें दबाने का कोई भी प्रयास कांग्रेस सरकार के ताबूत में अंतिम कील साबित होगा.