Haryana News: सीएम नायब सिंह सैनी (Nayab Singh Saini) सरकार हरियाणा सिविल सर्विस के 27 अधिकारियों को होली से पहले खुशखबरी देने जा रही है. इन्हें IAS में प्रमोट करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई. ये अधिकारी 2002, 2003 और 2004 बैच के अधिकारी बताए जा रहे हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि सीएम ने मंजूरी दे दी है. अब यूपीएससी को जल्द ही यह प्रस्ताव भेजा जाएगा. इस संबंध में यूपीएससी की बैठक बुलाई जाएगी जो कि इन अधिकारियों की पदोन्नति से संबंधित है. दरअसल, राज्य सरकार के पास 2020 बैच में तीन रिक्तियां, 2021 बैच में चार रिक्तियां, 2022 में 8 रिक्तियां, 2023 बैच में 10 रिक्तियां और 2024 बैच में दो रिक्तियां हैं.
अनियमितता के आरोपों के कारण रुकी हुई थी पदोन्नति
बीते कुछ वर्षों से एचसीएस अधिकारियों की पदोन्नति लंबित है क्योंकि 2002 के एचसीएस अधिकारियों की भर्ती में अनियमितता का आरोप लगाया गया था जिस संबंध में एंटी करप्शन ब्यूरो ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर रखी थी. कुछ साल पहले भी सरकार ने 31 अधिकारियों की लिस्ट यूपीएससी को विचार के लिए भेजी थी. राज्य में 15 आईएएस अधिकारियों का पद रिक्त था. हालांकि 2002 की कथित अनियमितताओं के कारण इन अधिकारियों के चयन पर जांच शुरू हो गई.
एडवोकेट जनरल की क्या है दलील
हरियाणा के एडवोकेट जनरल बलदेव महाजन ने कहा कि केवल एफआईआर के आधार पर पदोन्नति के विचार को नहीं छोड़ा जा सकता. महाजन ने कहा कि यूपीएससी को यह देखना है कि ऐसी परिस्थिति में पदोन्नति हो सकती है या नहीं लेकिन उनके नाम पर विचार करने में कोई प्रतिबंध नहीं है. महाजन ने बताया कि सरकार ने 2002 बैच के अधिकारियों की लिस्ट भी यूपीएससी को भेजी है.
दरअसल, 2002 में पूर्व मंत्री करन सिंह दलाल ने यूपीएससी को चिट्ठी लिखी थी जिसमें 2002 बैच के अधिकारियों की पदोन्नति के प्रस्ताव का विरोध किया गया था. दलाल ने कहा था कि एसीबी ने जांच में पाया था कि 2002 में अनियमितता हुई थी. 2002 बैच के अधािकारियों के कारण पदोन्नति की प्रक्रिया में देरी हो गई. हालांकि अब सरकार ने फिर से पदोन्नति को मंजूरी दे दी है.
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