पश्चिमी यूपी से करोड़ों कांवड़ियों की आवाजाही चल रही है. दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, हिमाचल और पंजाब से बड़ी संख्या में शिव भक्त कांवड़िए हरिद्वार, ऋषिकेश और गंगोत्री धाम से गंगाजल लेकर लौट रहे हैं.
शिव भक्ति में लीन कांवड़िए "हर हर महादेव" के उद्घोष करते हुए कांवड़ मार्ग पर देखे जा सकते हैं. कांवड़ यात्रा में इस बार महिलाओं और बच्चों की उपस्थिति देखी जा रही है. महिलाएं, बच्चे, कांवड़िए बिना किसी परेशानी के सैकड़ों किलोमीटर की लंबी यात्रा कर वापसी लौट रहे हैं.
छोटे भोले अपने नन्हे-नन्हे कदमों से चलकर गंगाजल लेकर आ रहे
छोटे भोले अपने नन्हे-नन्हे कदमों से चलकर गंगाजल लेकर आ रहे हैं. ये छोटे भोले कांवड़ यात्रा में कई-कई लीटर गंगाजल लेकर सैकड़ों किलोमीटर का सफर तय करके वापसी लौट रहे हैं.
हरियाणा के फतेहाबाद जिले के टोहाना के रहने वाले 13 साल के गौतम ने बताया कि वह कक्षा 9 का छात्र है और दूसरी बार जल लेकर आ रहा है. उसके मम्मी-पापा ने मना किया तो वह खूब रोया, जिसके बाद उसे कांवड़ लाने की परमिशन मिली, और फिर वह कांवड़ लेकर आ सका.
मन्नत है कि उसके पेपर में अच्छे नंबर आएं
गौतम का कहना था कि उसकी मन्नत है कि उसके पेपर में अच्छे नंबर आएं और अपने घर की सुख-शांति के लिए कांवड़ यात्रा कर रहा है. उसके साथ उसके भाई एवं गांव के लोग भी इस कांवड़ यात्रा में शामिल हैं. उसे उत्तर प्रदेश में व्यवस्थाएं अच्छी लगीं.
बता दें, कांवड़ यात्रा में लाखों की संख्या में श्रद्धालु शिव जी को जल अर्पित करने के लिए हरिद्वार, गंगोत्री और अन्य पवित्र स्थलों से जल भरकर अपने-अपने गांव और निवास स्थल के लिए रवाना होते हैं. आमतौर पर कांवड़ यात्रा अकेले या समूह में निकाली जाती है, लेकिन बीते कई सालों से परिवार के साथ कांवड़ यात्रा निकालने की परंपरा शुरू हो चुकी है.