हरियाणा में पकड़े गए आतंकी मॉड्यूल की जांच लगातार विस्तार ले रही है. इस केस में अल-फलाह यूनिवर्सिटी के तीन डॉक्टर डॉ. शाहीन सईद, डॉ. मुजम्मिल शकील और डॉ. उमर नबी के नाम सामने आने के बाद पुलिस ने यूनिवर्सिटी के पूरे स्टाफ की गतिविधियों की विस्तृत जांच शुरू कर दी है.

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सूत्रों के अनुसार, जांच एजेंसियां कैंपस में मौजूद सभी लॉकर, कमरों, स्टाफ के बैंक खातों और इलेक्ट्रॉनिक डेटा की गहराई से पड़ताल कर रही हैं, ताकि किसी छिपी हुई गतिविधि या संदिग्ध लेन-देन का पता लगाया जा सके.

फरीदाबाद में चला प्रशासन का तलाशी अभियान

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इसी बीच फरीदाबाद पुलिस ने शहरभर में मस्जिदों, होटलों, धर्मशालाओं, कॉलोनियों और खाद-बीज की दुकानों में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया है. तलाशी के दौरान डबुआ स्थित त्यागी मार्केट की जामा मस्जिद से एक संदिग्ध पाउडर बरामद हुआ, जिससे सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता और बढ़ गई है. इस पाउडर का सैंपल लैब में भेजा गया है, जहां जांच के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि यह सामग्री विस्फोटक से जुड़ी है या किसी अन्य उपयोग की है.

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इन जिलों से खरीदा गया था विस्फोटक का बड़ा हिस्सा

सूत्रों के मुताबिक, गिरफ्तार मॉड्यूल के पास से मिले विस्फोटक बनाने वाले सामान का बड़ा हिस्सा फरीदाबाद, नूंह और आसपास के जिलों से खरीदा गया था. जांच में यह भी सामने आया है कि मॉड्यूल से जुड़े लोग अमोनियम नाइट्रेट जैसे रसायन बड़ी मात्रा में जमा कर रहे थे. यह केमिकल आमतौर पर खाद के रूप में प्रयोग होता है, लेकिन बड़ी मात्रा में यह विस्फोटक बनाने का मुख्य तत्व बन जाता है. इसी वजह से पुलिस अब उन दुकानों और गोदामों की छानबीन में लगी है, जहां ऐसे रसायन बेचे जाते हैं.

हरियाणा और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने संयुक्त ऑपरेशन शुरू

घटना के बाद हरियाणा और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने संयुक्त ऑपरेशन शुरू किया है. दोनों राज्यों की टीमें खाद की दुकानों, केमिकल गोदामों, हार्डवेयर दुकानों और कारखानों में जाकर स्टॉक रजिस्टर, बिल बुक और सप्लाई चेन की बारीकी से जांच कर रही हैं. अधिकारियों का कहना है कि वे यह पता लगा रहे हैं कि किसने कितना सामान खरीदा, किसने बेचा और खरीदारों की पहचान क्या है.

पिछले वर्षों में देशभर में अमोनियम नाइट्रेट का दुरुपयोग कर आतंकी घटनाओं को अंजाम देने की कोशिशें सामने आती रही हैं. इसी कारण सुरक्षा एजेंसियां इस मामले को अत्यंत गंभीरता से देख रही हैं. पुलिस का कहना है कि आने वाले दिनों में और लोगों से पूछताछ होगी और जांच का दायरा और बढ़ाया जाएगा. इस खुलासे ने हरियाणा की सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा किया है. हालांकि एजेंसियों का दावा है कि समय रहते इस मॉड्यूल का पकड़ा जाना एक बड़ी सफलता है और इससे संभावित बड़ी घटना टल गई.

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