गुरुग्राम स्वास्थ्य विभाग सख्त! कफ सिरप की बिक्री और उपयोग पर रोक, माता-पिता के लिए खास निर्देश जारी
Cough Syrup Controversy: गुरुग्राम स्वास्थ्य विभाग ने कफ सिरप की बिक्री और उपयोग पर तत्काल रोक लगाई है. माता-पिता और फार्मासिस्टों के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं.

गुरुग्राम-कफ सिरप को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने कड़ा कदम उठाया है. मध्य प्रदेश में बच्चों की असामयिक मौत के बाद, गुरुग्राम स्वास्थ्य विभाग ने शहर में किसी भी तरह के कफ सिरप की बिक्री पर तत्काल रोक लगा दी है.
गुरुग्राम की चीफ मेडिकल ऑफिसर (CMO) डॉ. अल्का सिंह ने फार्मासिस्ट और माता-पिता के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं. यह कदम स्वास्थ्य मंत्रालय के हालिया दिशा-निर्देशों के अनुरूप उठाया गया है, जिसमें बच्चों में खांसी की दवाओं के अनियंत्रित उपयोग पर चिंता जताई गई थी.
कोल्ड्रिफ कफ सिरप में मिला विषैला तत्व
सीएमओ डॉ. अल्का सिंह ने बताया कि तमिलनाडु के कांचिपुरम में निर्मित कोल्ड्रिफ कफ सिरप में डायथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) की मात्रा मानक से अधिक पाई गई है. यह रासायनिक तत्व बच्चों और वयस्कों के लिए गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकता है. इसके मद्देनजर, गुरुग्राम जिले में इस सिरप की बिक्री और उपयोग पर तुरंत रोक लगा दी गई है. सभी रिटेल स्टोर, डिस्ट्रिब्यूटर्स और स्वास्थ्य केंद्रों से बचा हुआ स्टॉक जब्त करने के निर्देश दिए गए हैं.
सुरक्षित उपयोग और डॉक्टर की सलाह अनिवार्य
डॉ. अल्का सिंह ने माता-पिता और डॉक्टरों को निर्देश दिया कि बच्चों में खांसी के लिए सिरप का अनावश्यक उपयोग न किया जाए, क्योंकि अधिकांश खांसी स्वतः ठीक हो जाती है. संयोजन दवाओं (कॉम्बिनेशन ड्रग्स) और अनियंत्रित मिश्रणों से बचने की सलाह दी गई है. किसी भी असामान्य दवा प्रतिक्रिया या स्वास्थ्य समस्या होने पर तुरंत संबंधित प्राधिकरण को सूचित करना अनिवार्य है. फार्मासिस्टों को बिना वैध प्रिस्क्रिप्शन के खांसी की दवाएं बेचने से मना किया गया है.
स्वास्थ्य केंद्रों में रिपोर्टिंग और निगरानी
सभी सरकारी और निजी स्वास्थ्य केंद्रों को इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम (IDSP) और इंटीग्रेटेड हेल्थ इंफॉर्मेशन प्लेटफॉर्म (IHIP) के माध्यम से इन्फ्लूएंजा जैसे रोग, गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण और दवाओं से संबंधित असामान्य घटनाओं की समयबद्ध रिपोर्टिंग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं. डॉ. अल्का सिंह ने माता-पिता से अपील की कि किसी भी दवा का उपयोग करने से पहले पंजीकृत डॉक्टर से परामर्श लेना अनिवार्य है. जिला स्वास्थ्य विभाग और दवा नियंत्रण अधिकारी एडवाइजरी के कड़ाई से अनुपालन को सुनिश्चित करेंगे, और किसी भी उल्लंघन की सूचना तुरंत राज्य निगरानी इकाई और राज्य दवा नियंत्रक को दी जाएगी.
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Source: IOCL





















