Haryana News: हरियाणा के फरीदाबाद के बल्लभगढ़ में दलित लड़के को टॉर्चर करने का बेहद ही शर्मनाक मामला सामने आया है. लड़के को बंधक बनाकर उसके साथ बेरहमी से मारपीट की गई और फिर उसे पेशाब पीने के लिए भी मजबूर किया गया. इस मामले में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है.
पुलिस ने बुधवार (18 जून) को बताया कि बल्लभगढ़ की सुभाष कॉलोनी में सोमवार शाम को हुई एक शर्मनाक घटना में 18 वर्षीय दलित लड़के पर कथित तौर पर हमला किया गया, उसे प्रताड़ित और यूरिन पीने के लिए मजबूर किया गया. इसके बाद मामले में फरीदाबाद के 19 साल के लड़के को गिरफ्तार किया गया और दो नाबालिगों को हिरासत में लिया गया.
पीड़ित के पैर में फ्रैक्चर और सिर में चोटें
इसके साथ ही आरोप के खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. एचटी की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने बताया, ''पीड़ित लड़के को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है. उसके पैर में फ्रैक्चर है. सिर में भी चोटें आई हैं.''
पुलिस जांच के मुताबिक पीड़ित लड़के को सोमवार को शाम 4 बजे से शाम 7 बजे तक बंधक बनाकर रखा गया. इतना ही नहीं उसे छत के हुक से रस्सी से उल्टा लटका दिया गया, सिर मुंडवा दिया गया और डंडों से पीटा गया. आरोपियों ने उसे घर के बाहर फेंकने से पहले उसकी भौंहें, मूंछें और सिर मुंडवा दिए थे.
गिरफ्तार लड़के की हुई पहचान
पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि गिरफ्तार लड़के की पहचान पीयूष (19) के रूप में हुई है और दो नाबालिग पीड़ित के दोस्त थे, लेकिन हाल ही में उनके बीच अनबन हो गई थी. पीड़ित के चचेरे भाई ने कहा कि लड़का इस घटना के बाद इतना सदमे में था कि उसने अपने परिवार से घटना की रिपोर्ट न करने का आग्रह किया.
पीड़ित के चचेरे भाई ने यह भी आरोप लगाया कि रविवार रात को भी इसी ग्रुप ने पीड़ित पर हमला किया था, धमकाया था और जातिसूचक गालियां दी थीं, लेकिन परिवार ने बीच-बचाव किया था.
पुलिस ने कहा कि आरोपी पीयूष को अदालत में पेश किया गया और न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया, जबकि दो नाबालिगों को किशोर गृह भेज दिया गया. मामले में एक और संदिग्ध अभी भी फरार है.
फरीदाबाद पुलिस के पीआरओ यशपाल यादव ने कहा, "शुरुआती जांच से पता चलता है कि विवाद दोस्तों के ग्रुप में बदलाव की वजह से हुआ था. अभी तक जातिगत पहलू का कोई सबूत नहीं है.''