Gujarat News: गुजरात यूनिवर्सिटी में दाखिला लेने की तैयारी कर रहे लाखों छात्रों के लिए आरक्षण बेहद अहम है. यह नीति न सिर्फ शिक्षा का अवसर बढ़ाती है बल्कि सभी वर्गों को समान मौका देने का भी काम करती है. यूनिवर्सिटी हर साल प्रवेश प्रक्रिया में अलग-अलग श्रेणियों के लिए सीटें आरक्षित रखती है ताकि कोई भी छात्र पीछे न रह जाए. 

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SC, ST और SEBC छात्रों के लिए आरक्षित सीटें

सबसे बड़ी बात यह है कि अनुसूचित जाति (SC) श्रेणी के छात्रों के लिए 7 फीसदी और अनुसूचित जनजाति (ST) श्रेणी के छात्रों के लिए 15 फीसदी सीटें आरक्षित हैं. सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्ग (SEBC) के छात्रों को 27 फीसदी आरक्षण मिलता है. इन सीटों के लिए छात्रों को मान्य जाति प्रमाण पत्र जमा करना जरूरी है. SEBC छात्रों को यह भी साबित करना होता है कि वे "क्रीमी लेयर" में नहीं आते. यह प्रमाण पत्र राज्य सरकार के अधिकृत अधिकारी की तरफ से जारी किया जाता है और तीन साल तक वैध रहता है.

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EWS, दिव्यांग और अन्य आरक्षण

शारीरिक रूप से अक्षम छात्रों के लिए भी गुजरात यूनिवर्सिटी 5 फीसदी सीटें आरक्षित रखती है. इसके अलावा, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के छात्रों के लिए 10 फीसदी सुपरन्यूमरेरी सीटें उपलब्ध हैं. इन सीटों में से 33 फीसदी सीटें विशेष रूप से छात्राओं के लिए आरक्षित हैं.

यूनिवर्सिटी खेल, NSS, NCC और सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेने वाले छात्रों को भी मौका देती है. ऐसे छात्रों के लिए 2 फीसदी सुपरन्यूमरेरी सीटें सुरक्षित रहती हैं. गुजरात यूनिवर्सिटी पूर्व सैनिकों और सेवा में कार्यरत रक्षा कर्मचारियों के बच्चों के लिए 1 फीसदी सीटें आरक्षित करती है. सेवानिवृत्त सैनिकों के बच्चों को सैन्य कल्याण बोर्ड या जिला सैन्य कल्याण अधिकारी द्वारा जारी प्रमाण पत्र जरूरी है. जबकि सेवा कर रहे सैनिकों के बच्चों को कमांडिंग ऑफिसर से प्रमाण पत्र मिलता है. गुजरात यूनिवर्सिटी ने गुजरात बोर्ड के छात्रों के लिए 90फीसदी सीटें आरक्षित रखी हैं, जबकि अन्य बोर्ड (CBSE, ICSE आदि) के छात्रों के लिए 10 फीसदी सीटें उपलब्ध हैं.