Gujarat HC: गुजरात हाईकोर्ट ने बुधवार को दो बहनों को लेकर अपना आदेश सुनाया. दोनों बहनों ने जमैका में रहने के लिए 2019 में दिल्ली पब्लिक स्कूल परिसर में नित्यानंद आश्रम छोड़ दिया था और बाद में देश छोड़कर भाग गई थी.

क्या है मामला?

याचिकाकर्ता के वकील प्रीतेश शाह ने कहा कि अधिकारियों को उन्हें वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में पेश करने के उद्देश्य से जमैका में भारतीय वाणिज्य दूतावास ले जाने की व्यवस्था करने का आदेश दिया. लड़कियों के पिता ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर उनकी हिरासत समाप्त कर दी और यह आरोप लगाया कि वे नित्यानंद के प्रभाव में देश छोड़कर चली गई थीं और इसके लिए तैयार नहीं थीं. उधर, लड़कियों ने कोर्ट को बताया था कि उन्हें अपने पिता से डर लगता है.

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भारतीय दूतावास न जाने के पीछे सुरक्षा चिंताओं का दिया हवाला

हाईकोर्ट ने उन्हें जमैका में भारतीय दूतावास के माध्यम से अदालत में पेश होने का आदेश दिया था, लेकिन लड़कियों ने जोर देकर कहा कि वे न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र में स्थायी भारतीय आयोग के माध्यम से खुद को अदालत में पेश करेंगी. उन्होंने भारतीय दूतावास नहीं जाने के पीछे सुरक्षा चिंताओं का हवाला दिया हालांकि, केंद्र ने लड़कियों के अमेरिका जाने को लेकर आशंका व्यक्त की और अदालत से कहा कि यह एक बोझिल प्रक्रिया होगी.

अगली सुनवाई 7 अप्रैल को 

अदालत को यह भी बताया गया कि जमैका के साथ कोई प्रत्यर्पण संधि नहीं है, लेकिन उन्हें अपने साक्ष्य दर्ज करने के लिए वाणिज्य दूतावास में लाने की प्रक्रिया को पूरा करने में आठ सप्ताह लगेंगे. अदालत ने मामले की आगे की सुनवाई 7 अप्रैल को नियत की है और लड़कियों को तब तक जमैका नहीं छोड़ने का निर्देश दिया है.

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