Gujarat News: गुजरात के पुलिस महानिदेशक (Gujarat DGP) आशीष भाटिया ने सभी जिला प्रमुखों और पुलिस आयुक्तों को उन निजी फाइनेंसरों (Private Financiers) के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है, जो अत्यधिक ब्याज दर वसूल रहे हैं और कर्जदारों के जीवन को नरक बना रहे हैं. भाटिया ने मंगलवार शाम अधिकारियों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान ऐसे मामलों में कार्रवाई करने के निर्देश दिए, जहां कर्जदारों को धमकाया या परेशान किया जा रहा है, यहां तक कि कर्जदारों को अपनी संपत्ति सौंपने के लिए भी मजबूर किया जा रहा है. डीजीपी ने अधिकारियों से कहा कि ऐसी शिकायतें आने पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारी तेजी से कार्रवाई करें और निजी फाइनेंसरों के खिलाफ मामला दर्ज करें.
कई लोग कर चुके हैं आत्महत्याबता दें कि इसे लेकर कई कर्ज लेने वाले लोग आत्महत्या कर चुके हैं. उत्पीड़न और आत्महत्या के मामलों के बाद निर्देश दिए गए हैं. दस दिन पहले, सुरेंद्रनगर जिले के एक किसान जयंती परमार ने आत्महत्या कर ली थी, उसने अपने सुसाइड नोट में नौ फाइनेंसरों पर उसे आत्महत्या करने पर मजबूर करने का आरोप लगाया था.
दिसंबर के आखिरी 10 दिनों में अहमदाबाद के दो व्यापारियों ने फाइनेंसरों की प्रताड़ना के कारण आत्महत्या कर ली और बापूनगर क्षेत्र के एक फल व्यापारी ने नींद की गोलियां खाकर आत्महत्या का प्रयास किया. ये निजी फाइनेंसर 10 से 20 प्रतिशत की दर से ब्याज लेते हैं, कभी-कभी यह प्रति दिन का ब्याज होता है.
डीजीपी ने और क्या कहा इसपरडीजीपी ने कहा कि उन्हें गुजरात मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट, 2011 की धाराओं को लागू करना चाहिए, अगर किसी ऋणदाता ने संपत्ति ली है, तो पुलिस को राजस्व रजिस्ट्रार से संपर्क करना चाहिए और यह देखना चाहिए कि संपत्ति उधारकर्ता को फिर से स्थानांतरित कर दी गई है.
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