Sujalam-Sufalam Scheme: गुजरात में जल संकट को दूर करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने बनासकांठा और पाटन के 135 गांवों को पीने और सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने के लिए कई परियोजनाओं को मंजूरी दी है. मुख्यमंत्री ने सुजलाम-सुफलाम योजना के तहत 78 किलोमीटर लंबी कसारा-दंतीवाड़ा जीवन-सिंचाई पाइपलाइन बिछाने के लिए 1,566.25 करोड़ रुपये और डिंड्रोल-मुक्तेश्वर पाइपलाइन के लिए 33 किलोमीटर लंबी 191.71 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है. 

कब शुरू हुई थी सुजलाम-सुफलाम योजना?

टीओआई (TOI) के अनुसार, सुजलाम-सुफलाम योजना 2004 में शुरू की गई थी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि नर्मदा का पानी अधिकतम क्षेत्रों तक पहुंचे. इस योजना के तहत, नर्मदा मुख्य नहर से पानी खींचने वाली कुल 14 पाइपलाइनों में से 12 को उत्तरी गुजरात के जिलों में पानी की आपूर्ति के लिए पहले ही पूरा कर लिया गया है. कसारा-दंतीवाड़ा पाइपलाइन की वहन क्षमता 300 क्यूसेक होगी और बनासकांठा जिले के दीसा कांकरेज, दंतीवाड़ा और पालनपुर तालुका में 73 गांवों की 156 झीलों को जोड़ेगी. साथ ही, पाटन के हरिज और सरस्वती तालुका के 33 गांवों में 96 झीलों को इस पाइपलाइन के माध्यम से पानी से भर दिया जाएगा.

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हजारों किसानों को होगा फायदा

इन झीलों में नर्मदा का पानी बहने से लगभग 1.5 लाख हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी और 30,000 किसान परिवारों को पीने के लिए, उनके पशुओं के साथ-साथ खेती के लिए भी पानी मिलेगा. डिंड्रोली-मुक्तेश्वर पाइपलाइन में वडगाम तालुका के 24 गांवों में 100 क्यूसेक और 33 झीलों की आपूर्ति करने की क्षमता होगी और इसे सिद्धपुर तालुका के पांच गांवों में नौ झीलों के साथ जोड़ा जाएगा. इन जनकेंद्रित फैसलों के फलस्वरूप बनासकांठा जिले को अब पीने और सिंचाई के लिए नर्मदा का पानी मिलेगा.

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