आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने गुजरात की बीजेपी सरकार द्वारा किसानों की आवाज उठा रहे पार्टी के नेता प्रवीण राम और राजू करपड़ा की गिरफ्तारी पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि गुजरात की 30 साल की बीजेपी सरकार ने दमन की इंतहा कर दी है. किसानों के पक्ष में आवाज़ उठाने के जुर्म में गुरुवार को आम आदमी पार्टी के दो नेताओं प्रवीण राम और राजू करपड़ा को गिरफ्तार कर लिया. 

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उन्होंने गुजरात में कांग्रेस के हश्र की याद दिलाते हुए बीजेपी से कहा कि 1985 में गुजरात में कांग्रेस की 182 में से 149 सीट आई थीं और कांग्रेस को अहंकार हो गया. 1987 में किसान आंदोलन हुआ. कांग्रेस ने उसका दमन किया और गुजरात के लोगों ने 149 सीट वाली कांग्रेस को अगले चुनाव में उखाड़ फेंका. पिछले 30 साल से गुजरात में बीजेपी का शासन है. बीजेपी को भी अब बहुत ज़्यादा अहंकार हो गया. जिस तरह से बीजेपी ने किसानों का दमन शुरू किया है, गुजरात के लोग अगले चुनाव में उसको भी उखाड़ फेंकेंगे. 

गुजरात के किसान बेहद दुखी हैं- अरविंद केजरीवाल

अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को एक्स पर एक वीडियो साझा कर कहा, ''गुजरात के किसान बेहद दुखी हैं और अपने हक मांगने के लिए सड़कों पर उतरे हुए हैं. पिछले कुछ दिनों से जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं. 12 अक्टूबर को बोटाद जिले के हड़दड़ गांव में किसानों ने दो प्रमुख मांगों पर महापंचायत बुलाई. पहली मांग 'करदा प्रथा' के खिलाफ थी. इस प्रथा के तहत किसान मंडी में फसल बेचने जाता है, जहां फसल के दाम को लेकर व्यापारी से सहमति बन जाती है.''

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'किसान का अपनी फसल का सही दाम मांगना जायज'

उन्होंने आगे कहा, ''व्यापारी 1400 रुपए प्रति क्विंटल फसल लेने को तैयार हो जाता है. इसके बाद वह 10- 20 फीसद फसल 1400 रुपए में तो ले लेता है, लेकिन कुछ व्यापारी बदमाशी करते हैं और ‘करदा प्रथा’ के तहत किसान से कहते हैं कि उसकी बाकी फसल खराब है. फिर व्यापारी बाकी फसल के कम दाम देते हैं. गुजरात में लगभग सभी किसानों के साथ यह शोषण हो रहा है. किसानों की मांग है कि बिना शोषण के तय दर पर पूरी फसल खरीदी जाए. किसान का अपनी फसल का सही दाम की मांग करना जायज है.''

किसानों को खुद ट्रांसपोर्ट का खर्चा उठाना पड़ता-केजरीवाल

AAP के राष्ट्रीय संयोजक ने बताया कि किसानों की दूसरी मांग एपीएमसी की सरकारी मंडी से जुड़ी है. कानून यह कहता है कि जब किसान अपनी फसल लेकर सरकारी मंडी में जाता है तो वहीं पर व्यापारी उसकी सारी फसल खरीद लेगा, लेकिन व्यापारी ऐसा नहीं करते हैं. उन्होंने कहा, ''व्यापारी किसानों से अपनी फसल 30-40 किलोमीटर दूर स्थित अपनी फैक्ट्री या गोदाम में पहुंचाने के लिए कहते हैं. ऐसे में किसान को खुद ट्रांसपोर्ट का खर्चा उठाना पड़ता है. 

बीजेपी सरकार ने 85 किसानों पर FIR दर्ज की- केजरीवाल

केजरीवाल ने कहा, ''अब किसान चाहते हैं कि मंडी में ही उनकी फसल की खरीद पूरी हो और व्यापारी खुद फसल को ले जाए. इन दो मांगों को लेकर 12 अक्टूबर को बोटाद जिले के हड़दड़ गांव में महापंचायत हो रही थी, जहां किसान इकट्ठा हो रहे थे. लेकिन 30 साल से गुजरात पर राज कर रही बीजेपी सरकार ने निहत्थे किसानों पर बर्बरता से लाठीचार्ज कर दिया और आंसू गैस के गोले छोड़े. उसी दिन 85 किसानों पर एफआईआर दर्ज कर दी गई, जिसमें  किसानों पर हत्या के प्रयास की धारा 307 तक लगा दी और कई को गिरफ्तार भी किया गया.''

AAP शुरू से किसानों के साथ खड़ी है- अरविंद केजरीवाल

दिल्ली के पूर्व सीएम ने आगे कहा, ''आम आदमी पार्टी शुरू से किसानों के साथ खड़ी है, हर कदम पर उनके आंदोलन को समर्थन दे रही है. आम आदमी पार्टी के दो नेता राजूभाई करपड़ा और प्रवीण राम आंदोलन स्थल पर लगातार मौजूद थे, जिन्हें गुरुवार (16 अक्टूबर) को बीजेपी की गुजरात पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. मैं गुजरात सरकार से कहना चाहता हूं कि किसानों की सभी मांगों को तुरंत पूरा किया जाए और गरीब किसानों के खिलाफ दर्ज सारे केस वापस लिए जाएं. अगर केस करने हैं तो आम आदमी पार्टी के नेताओं पर कर लीजिए. हम नहीं डरते. 

गरीब किसानों पर से केस हटा दिया जाए- अरविंद केजरीवाल

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, ''केंद्र में बैठी बीजेपी सरकार ने मुझे, मनीष सिसोदिया, संजय सिंह, सत्येंद्र जैन को जेल में डाला, लेकिन हम वापस आ गए. सरकार निर्दोष किसानों को छोड़ दे. 85 किसानों में दो-तीन “आप” नेता भी हैं, उन पर जितने चाहें केस कर लीजिए, हम केस लड़ लेंगे. लेकिन गरीब किसानों पर से केस हटा दिया जाए.''

अरविंद केजरीवाल ने गुजरात के किसानों से आगे कहा, आज ये 85 किसानों के साथ जो हुआ है, कल आपकी बारी भी हो सकती है. गुजरात के सभी किसानों को एकजुट होकर सड़क पर उतरना चाहिए और मांगें मनवानी चाहिए. अब समय आ गया है, जब गुजरात के लोग 30 साल पुरानी इस सरकार को उखाड़ फेंकने की तैयारी कर रहे हैं. अहंकार मत करो, क्योंकि अहंकार तो रावण का भी नहीं चला. गरीब किसानों की आह तुम्हें कहीं का नहीं छोड़ेगी.''