Electric Vehicles In India: बढ़ते प्रदूषण और मंहगे होते इंधन की वजह से देश में इलेक्ट्रिक वाहनों का चलन बढ़ रहा है. लेकिन पिछले दिनों कुछ इलेक्ट्रिक वाहनों में आग लगने की घटनाओं को देखते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) को आग की घटनाओं की जांच करने का काम सौंपा गया था. अब डीआरडीओ की रिपोर्ट आ गई है, जो चौंकाने वाली है.
इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी में गंभीर कमियां डीआरडीओ ने इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी पैक और मॉड्यूल के डिजाइन सहित बैटरी में गंभीर कमियां पाई है. सूत्रों के अनुसार, ये कमियां इसलिए पाई गई हैं क्योंकि बिजली के दोपहिया निर्माता कंपनियां जैसे ओकिनावा ऑटोटेक, प्योर ईवी, जितेंद्र इलेक्ट्रिक वाहन, ओला इलेक्ट्रिक और बूम मोटर्स ने हो सकता है "लागत में कटौती के लिए खराब श्रेणी की सामग्री" का इस्तेमाल है.
परिवहन मंत्रालय ने प्रतिनिधियों को तलब कियाडीआरडीओ में सेंटर फॉर फायर, एक्सप्लोसिव एंड एनवायर्नमेंटल सेफ्टी (सीएफईईएस) ने अपनी फैक्ट खोज की रिपोर्ट परिवहन मंत्रालय को सौंप दी है. सूत्रों के मुताबिक, मंत्रालय ने अब इन इलेक्ट्रिक वाहनों निर्माताओं के प्रतिनिधियों को तलब किया है और उनसे डीआरडीओ की रिपोर्ट के निष्कर्षों पर स्पष्टीकरण देने को कहा है. इस महीने की शुरुआत में, केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए), जो केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के अंतर्गत आता है, ने प्योर ईवी और बूम मोटर्स को उनके ई-स्कूटर में अप्रैल में विस्फोट होने के बाद नोटिस भेजा था.
इलेक्ट्रिक वाहनों निर्माताओं को नोटिसउपभोक्ता निगरानी संस्था ई-स्कूटर में आग लगने के और भी मामलों की जांच कर रही है और अन्य इलेक्ट्रिक वाहनों निर्माताओं को भी इसी तरह का नोटिस देगी. ओला इलेक्ट्रिक, जितेंद्र ईवी और ओकिनावा ऑटोटेक के साथ प्योर ईवी और बूम मोटर्स ने इलेक्ट्रिक वाहनों में आग लगने की घटनाओं के बाद खराब बैचों को वापस बुला लिया है. इलेक्ट्रिक वाहनों में आग पर सरकार द्वारा गठित जांच समिति के शुरुआती निष्कर्षों ने देश में लगभग सभी इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों में आग लगने की घटनाओं में बैटरी सेल या डिजाइन के साथ मुद्दों की पहचान की है.
मंत्रालय गुणवत्ता-केंद्रित दिशानिर्देशों पर काम कर रहा बता दें कि ई-स्कूटर में ईवी में आग लगने और बैटरी ब्लास्ट होने के मद्देनजर समिति का गठन किया गया था. विशेषज्ञों ने लगभग सभी इलेक्ट्रिक वाहनों में आग लगने की घटनाओं में बैटरी सेल के साथ-साथ बैटरी डिजाइन में कमी पाई थी. सरकार अब इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए नए गुणवत्ता-केंद्रित दिशानिर्देशों पर काम कर रही है, जिनका जल्द ही अनावरण किया जाएगा.
गौरतलब है कि अब तक कम से कम 12 इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों में विस्फोट हो चुका है. विस्फोट की घटनाओं को देखते हुए कई इलेक्ट्रिक वाहनों निर्माताओं ने सरकार के बढ़ते दबाव के बीच दोषपूर्ण बैचों (वाहनों) को वापस बुला लिया है.