दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है. राष्ट्रीय राजधानी में यमुना पुराने रेलवे पुल पर बुधवार (06 अगस्त) को शाम 4 बजे 204.13 मीटर के निशान पर पहुंच गई, जो 204.50 मीटर के चेतावनी स्तर से सिर्फ 0.37 मीटर दूर है. अधिकारियों ने बुधवार को इस बारे में जानकारी दी है. हथिनीकुंड बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़ा गया है, जिसके बाद यमुना के जलस्तर में तेजी से बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. ऐसे में दिल्ली के निचले इलाकों में बाढ़ आने आने की संभावना बढ़ गई है. 

अधिकारियों के अनुसार, हरियाणा और उत्तराखंड के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश और हथिनीकुंड बैराज से अधिक पानी छोड़े जाने के कारण यमुना के जलस्तर में बढ़ोत्तरी हुई. हम लगातार स्थिति की निगरानी कर रहे हैं. केंद्रीय बाढ़ कक्ष (Central Flood Room) के एक अधिकारी ने कहा, ''जलस्तर में वृद्धि का कारण ज्यादातर हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी की अधिक मात्रा है.

हथिनीकुंड बैराज से छोड़ा जा रहा पानी

बुधवार को इस मानसून में पहली बार, हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से 50,000 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया, जो सुबह 6 बजे के आसपास 61,000 क्यूसेक पर पहुंच गया. अधिकारियों के अनुसार, शाम लगभग 4 बजे पानी छोड़ना घटकर 40,000 क्यूसेक रह गया.

ऑब्जर्वेशन प्वाइंट है पुराना लोहे का पुल 

दिल्ली में यमुना नदी में पुराना लोहे का पुल नदी के प्रवाह और संभावित बाढ़ के खतरों पर नज़र रखने के लिए एक बेहद ही महत्वपूर्ण ऑब्जर्वेशन प्वाइंट के रूप में काम करता है. हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी को दिल्ली पहुंचने में आमतौर पर 48 से 50 घंटे लगते हैं. ऊपरी धारा से कम पानी छोड़े जाने पर भी जल स्तर बढ़ रहा है, जो दिल्ली में चेतावनी के निशान के करीब पहुंच रहा है. यमुना के जलस्तर में बढ़ोत्तरी को देखते हुए प्रशासन ने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को आगाह किया है.