दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने की आशंका जताई गई है. इस बीच इसे लेकर एडवाइजरी जारी की गई है. सोमवार को देर रात तक यमुना खतरे के निशान को पार कर सकती है. सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग की ओर से जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि 19 अगस्त की सुबह 2 बजे यमुना का जलस्तर 206 मीटर को पार कर सकता है.
रविवार (17 अगस्त) को शाम 4 बजे हथिनी कुंड बैराज से 1.76 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिसे दिल्ली पहुंचने मेँ कम से कम 36 घंटो का समय लग सकता है. सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग ने यमुना के घाटों को खाली करने को लेकर एडवाइजरी भी जारी की है. फिलहाल दिल्ली में यमुना का जलस्तर 204.6 मीटर है जो कि वार्निंग लेवल के ऊपर है.
- हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद दिल्ली में बाढ़ का खतरा
- 17 अगस्त को शाम 4 बजे हथिनी कुंड बैराज से 1.76 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया
- यमुना खतरे के निशान से महज कुछ मीटर ही कम.
- सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग ने यमुना के घाटों को खाली करने को लेकर निर्देश जारी किए
बाढ़ के खतरे को देखते हुए संबंधित एजेंसिया अलर्ट
अधिकारियों के मुताबिक स्थिति पर करीब से नजर रखी जा रही है और जलस्तर में बढ़ोत्तरी की संभावना को देखते हुए सभी संबंधित एजेंसियों को बाढ़ जैसे हालात से निपटने के लिए एहतियाती कदम उठाने का निर्देश दिया गया है. केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘जलस्तर में बढ़ोत्तरी का मुख्य कारण वजीराबाद और हथिनीकुंड बैराज से हर घंटे छोड़े जा रहे पानी की अधिक मात्रा है.’’
पुराना रेलवे पुल है ऑब्जर्वेशन प्वाइंट
पुराना रेलवे पुल यमुना नदी के प्रवाह और बाढ़ के संभावित खतरे पर नजर रखने के लिए एक प्रमुख ऑब्जर्वेशन प्वाइंट के रूप में काम करता है. शहर के लिए चेतावनी का स्तर 204.50 मीटर है, जबकि खतरे का निशान 205.33 मीटर है. यमुना का जलस्तर 206 मीटर पहुंचते ही निचले इलाकों से लोगों को निकालने का काम शुरू कर दिया जाता है.