Delhi News: कैंसर, एक ऐसी बीमारी जिसका नाम सुनते ही लोगों के होश फाख्ता हो जाते हैं. इतना ही नहीं जिन लोगों को खुद के कैंसर से पीड़ित होने का पता चलता है वो तो जीते जी अपनी जिंदगी से हार मान लेते हैं. दिल्ली सहित हिंदुस्तान के अन्य प्रदेशों से कैंसर को लेकर बेहद चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है. रिपोर्ट के मुताबिक पुरुषों में माउथ कैंसर और फेफंड़ों के कैंसर जबकि महिलाओं में ब्रेस्ट व गर्भाशय कैंसर के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं, इसने लोगों की चिंता को बढ़ा दिया है. आज विश्व कैंसर दिवस पर एबीपी लाइव ने दिल्ली के जाने-माने एलएनजेपी अस्पताल के चिकित्सा निदेशक सुरेश कुमार से कैंसर को लेकर खास बातचीत की .......

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प्रश्न :- कुछ सालों से दिल्ली समेत देश में कैंसर के मरीज काफी बढ़े हैं इसके पीछे क्या वजह है?जवाब :- बिल्कुल, दिल्ली, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश सहित देश के प्रमुख राज्यों में हर वर्ग में कैंसर के मरीज बढ़े हैं. इसके पीछे दो प्रमुख कारण है. पहला यह कि लोग अब पहले से कहीं ज्यादा जागरूक हो चुके हैं, लक्षण पता होने पर तुरंत कैंसर की जांच करवाते हैं जिसके बाद उनका उपचार शुरू होता है और यह बहुत अच्छा भी है. इसके अलावा दूसरा सबसे मुख्य कारण यह है कि लोगों का खानपान, एनिमल फैट, औद्योगिकरण का बढ़ना जिसका केमिकल और धुआं कैंसर की बीमारी होने की बड़ी वजह है. वायु प्रदूषण, प्लास्टिक के थैले में खाने की वस्तुओं का इस्तेमाल, प्लास्टिक की बोतलों में पानी इसकी कुछ अन्य वजह हैं.

प्रश्न :- यदि किसी परिवार में कोई कैंसर का मरीज है तो अन्य सदस्यों को भी कैंसर होने का खतरा है?उत्तर :- परिवार के अन्य सदस्यों को पैनिक होने की जरूरत नहीं है लेकिन थोड़ा सतर्क रहकर खुद के बचाव पर भी ध्यान देना आवश्यक है. आजकल के समय में एडवांस मॉलिक्युलर टेक्निक के माध्यम से समय रहते अन्य सदस्यों में भी लक्षण का पता लगाया जा सकता है और कैंसर मरीज की संतान को कैंसर से ग्रसित होने की कितने प्रतिशत आशंका है यह भी जांच में मुमकिन है लेकिन जैसा कि हम जानते हैं कि कैंसर का रोग किसी के भी साथ रहने और स्पर्श से नहीं होता. अगर कोई भी लक्षण ऐसे आते हैं तो समय रहते चिकित्सकों की सलाह से एडवांस टेक्निक के माध्यम से जांच जरूर करवानी चाहिए.

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प्रश्न :-  कैंसर होते ही लोग मान लेते हैं कि जिंदगी समाप्त होने वाली है, तो क्या आज भी कैंसर को जड़ से ठीक नहीं किया जा सकता है?जवाब :- यह जरूर है कि यह बहुत खतरनाक और जानलेवा बीमारी है लेकिन आधुनिक ट्रीटमेंट के माध्यम से आज के समय में कैंसर को जड़ से ठीक भी किया जा सकता है. इसको लेकर लोगों को शारीरिक व मानसिक रूप से भी मजबूत रहने की जरूरत है. कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी, इम्यूनोथेरेपी के माध्यम से कैंसर के मरीज भी आज आम लोगों की तरह जीवन व्यतीत कर सकते हैं और लंबा जीवन जी सकते हैं. बहुत से लोग कैंसर का नाम सुनते ही अवसाद में चले जाते हैं लेकिन इससे बचने की जरूरत है. मानसिक रूप से मजबूत आदमी इस रोग पर काबू पाने में सक्षम होगा. बहुत से मरीजों का जड़ से भी कैंसर खत्म हुआ है. 

प्रश्न :- देश में कैंसर का इलाज काफी महंगा है, क्या इसको लेकर आने वाले समय में आम लोगों को कुछ राहत मिल सकती है?जवाब :- आने वाले समय में जरूर इसके महंगे इलाज से लोगों को राहत मिलेगी. वैसे ध्यान देने की बात यह है कि कई दवाओं का जेनेरिक वर्जन आ चुका है, उसकी मदद भी ली जा सकती है. ब्रांडेड कीमोथेरेपी के बजाय जेनेरिक कीमोथेरेपी सस्ती है और असरदार भी है. उसकी मदद से भी कैंसर रोग का उपचार किया जा सकता है.

प्रश्न :- कैंसर से सतर्कता और बचाव कैसे करें?जवाब :- खान-पान, अच्छी जीवन शैली सबसे ज्यादा आवश्यक है. माइनिंग और इंडस्ट्री में काम करने वाले कर्मचारियों की प्रति वर्ष जांच होनी चाहिए. बदलते मौसम  के अनुसार हमें अपना खानपान रखना चाहिए. हो सके तो प्लास्टिक का इस्तेमाल तो बिल्कुल नहीं करना चाहिए और खासतौर पर खाने और पानी पीने में प्लास्टिक के इस्तेमाल से तो बचना ही चाहिए. इसमें माइक्रो प्लास्टिक का इस्तेमाल बेहद खतरनाक होता है. आर्टिफिशियल कलर, पानी की बोतल, बिना जानकारी इस्तेमाल किए जाने वाले  केमिकल से लोगों को बचना चाहिए.

प्रश्न :- कैंसर के लिए भारत आने वाले समय में नई रिसर्च और उपचार को कब तक विकसित करेगा?जवाब :- अलग-अलग कैंसर से जुड़े रोगों के लिए जैसे लंग कैंसर, माउथ कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर व अन्य के लिए टीमें लगातार काम कर रही हैं और उच्च स्तरीय योजना के तहत कार्य किया जा रहा है. निश्चित ही भारत का चिकित्सा संस्थान आज के समय में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा संस्थानों में से एक है. बहुत जल्द इस क्षेत्र में भी नए रिसर्च और इन रोगों से जुड़े उपचार को विकसित करने में सफलता प्राप्त होगी.

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