Delhi News: महिला आरक्षण बिल पर राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने अपना बयान दिया है. सिब्बल का कहना है कि वह इस बिल का हमेशा समर्थन करते आए हैं. राज्यसभा सांसद ने इस बिल को लागू करने के मोदी सरकार के नीयत पर सवाल खड़ा किया है. सिब्बल ने कहा कि इसे 2014 में ही लागू करना चाहिए था, लेकिन बीजेपी ने इसपर किसी की सहमति नहीं बनने दी. मोदी सरकार जो भी कर रही है उसके पीछे 2024 का लोकसभा चुनाव है.


कपिल सिब्बल ने मीडिया से बातचीत में कहा, "परिसीमन के बिना क्या ये (केंद्र सरकार) बिल पारित कर देंगे? हम तैयार हैं. जनगणना और परिसीमन की बात तो आपने की है. हम तो पहले से ही तैयार हैं. हम हमेशा से ही इसके लिए तैयार थे, चाहे हम सत्ता पक्ष में हो या विपक्ष में. ये इसे इसलिए लागू नहीं कर रहे क्योंकि इन्हें मालूम है कि इन्हें यह 2029 में भी नहीं करना. यह तो 2024 लोकसभा चुनाव के लिए है."


इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 2014 से लेकर अब तक हम इस बिल को लाने के लिए तैयार है, चाहे हम सत्ता पक्ष में रहे या विपक्ष में हम हमेशा तैयार थे. लेकिन उस दौरान आपने (बीजेपी) सहमती नहीं होने दी.



इससे पहले मंगलवार (19 सितंबर) को कपिल सिब्बल ने कहा था कि ये विधेयक 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बेचा जा रहा 'एक और सपना' है और इसका लाभ महिलाओं को 2029 में ही मिल सकेगा. सिब्बल ने कहा कि विधेयक को राजनीतिक मकसद से लाया गया है और उनके लिए यह समझना 'आश्चर्यजनक' था कि भाजपा सरकार के 2014 में सत्ता में आने के नौ साल और चार महीने बाद यह विधेयक आज क्यों पेश किया गया. 


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