प्रोफेसर डॉ वीरेंद्र बालाजी शहारे को दिल्ली की जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने परीक्षा में विवादित सवाल के मामले में सस्पेंड कर दिया. दरअसल, BA(H) सोशल वर्क के सेमेस्टर-1 की परीक्षा में एक सवाल पूछा गया कि भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचारों पर उचित उदाहरणों के साथ चर्चा करें (Discuss the atrocities against Muslim Minorities in India giving suitable examples). 21 दिसंबर को परीक्षा हुई और ये सवाल विवादों में आ गया.

Continues below advertisement

यूनिवर्सिटी ने बनाई जांच कमेटी

यूनिवर्सिटी ने कहा कि इस मामले में सख्त रुख अपनाया गया है. जांच कमेटी बना दी गई है और जब तक कमेटी की रिपोर्ट नहीं आ जाती पेपर बनाने वाले प्रोफेसर सस्पेंशन पर रहेंगे.

कौन हैं प्रोफेसर वीरेंद्र बालाजी शहारे?

प्रोफेसर वीरेंद्र बालाजी शहारे के पास शिक्षण और अनुसंधान में 22 सालों से ज्यादा का अनुभव है. जेएनयू से उन्होंने पीएचडी और एमफिल की पढ़ाई पूरी की. TISS से उन्होंने MA किया. उन्होंने दो किताबें Practice of Social Work Emerging Concerns और NGOs and Dalit Development भी लिखी हैं. महाराष्ट्र के रहने वाले हैं. दलित और आदिवासियों को लेकर उन्होंने एकेडमिक काम किया है. उन्हें कई आर्टिकल किताबों में पब्लिश हो चुके हैं. उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय और नागपुर विश्वविद्यालय में भी पढ़ाया है. राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय जर्नल्स के समीक्षक रहे हैं. 

Continues below advertisement

सोशल मीडिया पर पेपर की तस्वीर वायरल

BA(H) सोशल वर्क के एग्जामिनेशन पेपर की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई. कई लोगों ने इसको लेकर सवाल खड़े किए. तस्वीर के वायरल होने के बाद यूनिवर्सिटी ने मंगलवार (23 दिसंबर) को प्रोफेसर शहारे को जांच की रिपोर्ट आने तक सस्पेंड कर दिया. 

बिना सूचित किए दिल्ली से बाहर नहीं जा सकेंगे- आदेश

जामिया की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि सस्पेंशन के दौरान प्रोफेसर शहारे को दिल्ली में ही रहना होगा. बिना हेडक्वार्टर को सूचित किए वो दिल्ली से बाहर नहीं जा सकेंगे. आदेश में कहा गया कि उन्हें तत्काल प्रभाव से सस्पेंड किया जाता है.