Mukhtar Ansari News Today:  बाहुबली से ​राजनेता बने मुख्तार अंसारी का तथाकथित दिल का दौरा पड़ने से चार दिन पहले निधन हो गया, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि दिल्ली पुलिस उसे नहीं बचाती तो नौ साल पहले ही उनकी हत्या हो गई होती. दरअसल, उनके विरोधी गैंग के सरगनाओं ने मुख्तार की हत्या के लिए एक कॉन्ट्रैक्ट किलर सुपारी दी थी. कॉन्ट्रैक्ट किलर दिल्ली की एक कोर्ट में ट्रायल के दौरान मुख्तार अंसारी को ब्लास्ट के जरिए उड़ाने की योजना थी, लेकिन सुपारी किलर ऐसा कर पाता, उससे पहले पुलिस ने साल 2015 में उसे दबोच लिया. 


टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक यह घटना साल जून 2015 की है. दिल्ली पु​लिस स्पेशल सेल ने मुख्तार अंसरी की हत्या के आरोप में लंबू शर्मा को गिरफ्तार किया था. मुख्तार के विरोधी गैंग के लोगों ने उसकी हत्या करने के मकसद से कॉन्ट्रैक्ट किलर लंबू शर्मा को हायर किया था.


अगर दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने साल 2015 में माफिया डॉन से राजनेता बने मुख्तार अंसारी को बचाया न होता तो उसकी हत्या नौ साल पहले सुसाइड बॉम्ब के जरिए हो गई होती. चार दिन पहले जेल में मुख्तार अंसारी की तथाकथित रूप से दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. अब मुख्तार के निधन के बाद दिल्ली पुलिस के बीच इस बात की चर्चा है कि नौ साल पहले आज भी उस घटना की चर्चा करते दिखे. दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के जवानों का कहना है कि अंसारी नौ साल पहले मारा गया होता, अगर कॉन्ट्रैक्ट किलर से उसे पुलिस ने बचाया न होता.


किसने दी थी छह करोड़ की सुपारी


हत्यारा सच्चिनांद उर्फ लंबू शर्मा वर्तमान में ​बिहार के एक जेल में बंद है. वह हत्या की दो अलग-अलग घटनाओं में आरोपी है. टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक मुख्तार अंसारी के विरोधी गैंग के बृजेश सिंह और सुनील पांडे ने कॉन्ट्रैक्ट किलर लंबू शर्मा को इस काम के लिए छह करोड़ रुपये की सुपारी दी थी.  


लंबू शर्मा और माओवादी भरत सक्सेना बॉम्ब बनाने में एक्सपर्ट माना जाता है. लंबू को कोर्ट ट्रायल के दौरान हत्या करने के मकसद से बृजेश सिंह और सुनील पांडे ने हायर किया गया था. वर्तमान में शर्मा आरा जेल बिहार में बंद है. उसने छह करोड़ की बड़ी धनराशि का प्रस्ताव आफर मिलने की वजह से मुख्तार अंसारी की हत्या का सुपारी लिया था. मुख्तार की हत्या के लिए लंबू शर्मा ने अपनी गर्लफ्रेंड नगीना को को बड़ी मुश्किल मनाने में कामयाब हुआ था. उसने नगीना को साल आरा कोर्ट में टिफिन बॉम्ब ब्लास्ट के लिए कहा था. ताकि वो पेशी के दौरान वहां से फरार हो सके.
 
लंबू को मिले थे 50 लाख एडवांस


चौंकाने वाली बात यह है कि शर्मा ने उसी कोर्ट में 2009 में एक गवाह की हत्या के लिए ब्लास्ट किया था. 23 जनवरी 2015 को गवाह ने शर्मा का जेल वाहन कोर्ट में पहुंचते ही  नगीना को उससे बात करते हुए देख लिया था. उस ब्लास्ट में कई लोग घायल हो गए थे और शर्मा वहां से भागने में कामयाब हुआ था. उसके बाद कुछ माह तक शर्मा बॉम्ब बनाने की जुगत में जुटा रहा. इस काम के लिए बृजेश सिंह और सुनील पांडे ने शर्मा को 50 लाख रुपये एडवांस में दिए थे.


ऐन मौके पर शर्मा हो गया गिरफ्तार 


मुख्तार की हत्या में जुटा लंबू शर्मा 23 जून 2015 को अपने प्लान पर अमल करने ही वाला था कि दिल्ली पुलिस की विशेष सेल की टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया और मुखतार अंसारी को बचा लिया था. बता दें कि साल 12 साल की उम्र में ही लंबू जरायम की दुनिया में आ गया था. पहली बार क्राइम उसने तब किया था जब एक लड़की के प्यार के चक्कर में उसके दोस्त ने उसे धमकाया था.


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