Old Vehicle Ban Delhi: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 15 साल से ऊपर के पेट्रोल वाहन और 10 साल से ऊपर के डीजल वाहनों के चलने पर प्रतिबंध है. ऐसे में रजिस्ट्रेशन की अवधि पूरी हो जाने के बाद उन वाहनों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाता है. दिल्ली में ऐसे वाहनों की संख्या 57 लाख के पार पहुंच गई है. यह संख्या अक्टूबर में रद्द किए गए वाहनों की संख्या से चार लाख अधिक है.

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पिछले साल अक्टूबर में रद्द किए गए 53 लाख वाहनों के रजिस्ट्रेशन की लिस्ट जारी गई थी. परिवहन विभाग ने यह लिस्ट 27 मार्च को अपनी वेबसाइट पर डाली है, जिसमें रजिस्ट्रेशन कैंसिल होने वाले वाहनों में बहुत पुराने वाहन भी शामिल हैं. परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि रजिस्टर्ड हुए पुराने वाहनों की रद्द किए जाने वाली लिस्ट इसलिए डाली गई है कि अगर कोई अपने पुराने वाहन के बारे में जानकारी देखना चाहता है तो वह इसे आसानी से देख सकता है.

ऐसा कर दूसरे राज्यों में चला सकते हैं कि पुराने वाहन

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परिवहन विभाग ने ऐसे वाहन मालिकों को विकल्प दिया है कि वाहन मालिक परिवहन विभाग से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी) लेकर अपने वाहन को अन्य राज्यों में रजिस्टर्ड करा सकते हैं या इन्हें स्क्रैप (समाप्त) करा सकते हैं तथा सुविधा शुरू होने पर इलेक्ट्रिक में बदलवा सकते हैं. जिन वाहनों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया गया है उनमें 15 साल पुराने पेट्रोल व सीएनजी वाहन और 10 साल पुराने डीजल वाहन शामिल हैं. परिवहन विभाग ने स्पष्ट किया है कि एनजीटी का आदेश है कि वाहन की दूसरे राज्य के जिस शहर के लिए एनओसी मांगी जाएगी, उस शहर के मोटर लाइसेंसिंग अधिकारी से सहमति पत्र वाहन मालिक को दर्शाना होगा. उसके बाद दिल्ली परिवहन विभाग उस वाहन के लिए एनओसी देगा. मगर यह छूट डीजल के 10 साल, पेट्रोल के 15 साल से कम पुराने वाहनों लिए ही रहेगी. इससे पुराने वाहनों के लिए यह सुविधा उपलब्ध नहीं होगी. ऐसे वाहनों को स्क्रैप कराना ही होगा.

SC ने 2018 में लगाई थी रोक

परिवहन विभाग ने 14 दिसंबर 2021 को एक आदेश जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि एनजीटी ने जुलाई 2016 में दिल्ली-एनसीआर में 10 साल से अधिक पुराने डीजल वाहनों और 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों के रजिस्ट्रेशन और चलने पर प्रतिबंध से संबंधित निर्देश जारी किए थे. इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने भी 29 अक्टूबर 2018 को दिल्ली में 15 साल पुराने पेट्रोल और 10 साल पुराने डीजल वाहनों के चलने पर रोक लगा दी थी.

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