विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार को राज्यसभा में आरोप लगाया था कि सरकार 12 सांसदों का निलंबन रद्द करने पर विचार नहीं कर विपक्ष को सदन को बाधित करने के लिए मजबूर कर रही है.

सरकार नहीं कर रही फैसले पर विचार

खड़गे ने कहा कि सरकार अपने फैसले पर विचार नहीं कर रही है, और आप (अध्यक्ष) सदन के संरक्षक हैं, हम अनुरोध करते हैं कि निलंबन रद्द किया जाए. सरकार का अड़ियल ष्टिकोण विपक्ष को सदन को बाधित करने के लिए मजबूर करना है, इसलिए हम वॉकआउट करने का फैसला करते हैं.

इन कारणों से हुआ है 12 सांसदों का निलंबन

बता दे कि राज्यसभा के 12 सांसदों को निलंबित कर दिया गया है राज्यसभा के सभापति ने इन सांसदों को मॉनसून सत्र के दौरान 11 अगस्त को राज्यसभा में हंगामा करने के आरोप में निलंबित किया है. उस दिन हुई घटना पर राज्यसभा के सभापति और उप राष्ट्रपति एम वैंकेया नायडू ने कहा था कि उस दिन जो कुछ हुआ, उसने लोकतंत्र के मंदिर को अपवित्र किया. इनके इस व्यवहार से देश की जनता भी दूखी है.जिसके कारण हमने यह फैसला लिया गया.   

निलंबित 12 सांसदों में इनका है नाम

निलंबित सांसदों में कांग्रेस के सैयद नसीर हुसैन, अखिलेश प्रसाद सिंह, फूलो देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा और राजमणि पटेल, शिवसेना के अनिल देसाई, प्रियंका चतुवेर्दी, सीपीआई-एम के एलाराम करीम, सीपीआई के बिनॉय विश्वम, और तृणमूल कांग्रेस के डोला सेन और शांता छेत्री है.