एसएससी की परीक्षा में गड़बड़ियों की शिकायत को लेकर दिल्ली के अलग अलग राज्यों से आए छात्रों ने गुरुवार (31 जुलाई) को प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन कर रहे छात्रों को पुलिस ने खेदड़ दिया. वहीं अब इसको लेकर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने बीजेपी पर निशाना साधा है.
आप नेता मनीष सिसोदिया ने अपने एक्स हैंडल पर वीडियो शेयर कर कहा, "एसएससी की मिसमैनेजमेंट पर जवाबदेही? बीजेपी से उम्मीद ना ही करें. शिक्षकों पर लाठियाँ बरसाना, ये तानाशाही सिर्फ बीजेपी के राज में ही संभव है."
उन्होंने आगे लिखा, "लोकतंत्र का ऐसा मजाक बना दिया है कि अब सरकार जवाब देने के बजाय, हक मांगने वालों की आवाज को लाठियों से कुचलती है."
'परीक्षा के दौरान आईं दिक्कतें'
वहीं छात्रों का कहना है कि बीते 25 तारीख को जब परीक्षा हुई तब उन्हें कई तरह की दिक्कत आई और कहीं माउस नहीं काम कर रहा तो कहीं हमारा सेंटर ही बदल दिया गया. अजमेर का सेंटर अचानक से लेह कर दिया जिससे परीक्षा छूट गई."
छात्रों ने ये भी कहा, "जिस कंपनी के माध्यम से परीक्षा कराई वो कई जगह ब्लैक लिस्टेड है लेकिन फिर भी उसी से परीक्षा करवाई जा रही."
टीचर्स ने क्या कहा?
शिक्षक हरिश तिवारी ने बताया कि "ब्लैकलिस्टेड कंपनी को फिर से टेंडर दिया गया, जहां बुजुर्ग महिलाओं को सिक्योरिटी पर लगाया गया है. इस तरह के सेंटर पूरी तरह असुरक्षित हैं."
'भ्रष्ट हो चुका है सिस्टम'
मैथ टीचर अभिनय ने बताया, "DOPT मंत्री से मिलने गए तो शिक्षकों को गाड़ियों में भरकर CGO कॉम्प्लेक्स ले जाया गया. वहां सिर्फ एक अधिकारी से मिलवाया गया, जिसने बेहद असंवेदनशील जवाब दिया. सिस्टम भ्रष्ट हो चुका है, अब बच्चों को लेकर दोबारा प्रदर्शन करेंगे."
NSUI भी कर रही सपोर्ट
जहां एक तरफ जंतर मंतर पर छात्र प्रदर्शन कर रहे थे वहीं दूसरी तरफ भारी संख्या पुलिस बल तैनात रहा. प्रदर्शन कर रहे एसएससी छात्रों को जंतर मंतर से हटाने के लिए जंतर मंतर के अंदर बस भी आ गई. वहीं एसएससी के छात्रों को कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई भी सपोर्ट कर रहा है.
'छात्रों के बजाय कंपनी का साथ दे रहे मंत्री'
प्रदर्शन में एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी भी पहुंचे और छात्रों के समर्थन में खुलकर बोले. उन्होंने कहा, "एसएससी और रेलवे के छात्र मंत्री से मिलना चाहते थे लेकिन उन पर लाठीचार्ज किया गया. तीन राज्यों में बैन की गई कंपनी को परीक्षा की जिम्मेदारी दी गई, मंत्री छात्रों के बजाय कंपनी का साथ दे रहे हैं."