Sharjeel Imam Bail Plea: जेएनयू के शोध छात्र और सामाजिक कार्यकर्ता शरजील इमाम (Sharjeel Imam) ने राजद्रोह के औपनिवेशिक युग के दंडात्मक प्रावधान पर रोक लगाने के सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद राहत के लिए दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) का रुख किया है. गौरतलब है कि शरजील इमाम गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत सलाखों के पीछे हैं.


शरजील ने अंतरिम जमानत की मांग की है


अपनी ताजा जमानत अर्जी में शरजील ने कहा है कि चूंकि शीर्ष अदालत ने देशद्रोह (भारतीय दंड संहिता की धारा 124-ए) को स्थगित कर दिया है, इसलिए उन्हें जमानत दी जानी चाहिए. बता दें कि शरजील 2019 और 2020 में सीएए विरोधी आंदोलन के दौरान अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और दिल्ली के जामिया इलाके में उनके द्वारा दिए गए कथित भड़काऊ भाषणों के मामले में अंतरिम जमानत मांग रहे हैं.


शरजील की अंतरिम जमानत याचिका पर आज होनी है सुनवाई


बता दें कि न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर की खंडपीठ मंगलवार को शरजील की अंतरिम जमानत की याचिका पर सुनवाई करेगी. याचिका में कहा गया है, "अपीलकर्ता को 28 जनवरी, 2020 से लगभग 28 महीने के लिए जेल में रखा गया है, जबकि उनके मामले में आईपीसी की धारा 124-ए शामिल नहीं है, जिसके तहत अधिकतम 7 साल कैद की सजा है."


फरवरी 2020 में राष्ट्रीय राजधानी में हिंसा भड़क उठी थी


वहीं दिल्ली पुलिस के अनुसार, इमाम और खालिद 2020 की दिल्ली हिंसा से जुड़े कथित बड़े षड्यंत्र के मामले में शामिल लगभग एक दर्जन लोगों में से हैं.इमाम और खालिद को भड़काऊ भाषणों के संबंध में आरोपों का सामना करना पड़ रहा है. पुलिस के अनुसार, फरवरी 2020 में राष्ट्रीय राजधानी में हिंसा भड़क उठी थी, क्योंकि सीएए (नागरिकता संशोधन अधिनियम) समर्थक और विरोधी प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुई थीं. हिंसा में 50 से अधिक लोगों की जान चली गई थी और 700 से अधिक घायल हो गए थे.


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