दिल्ली–मेरठ के बीच चलने वाली “नमो भारत” ट्रेन अब सराय काले खां स्टेशन से शुरू होने के लिए तैयार है, और उम्मीद है कि इस हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसे हरी झंडी दिखाएंगे.

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 यह वही स्थान है जहां से देश का पहला रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) कॉरिडोर शुरू होगा. खास बात यह है कि यह सिर्फ एक स्टेशन नहीं, बल्कि दिल्ली का पहला मल्टी-मॉडल हब बनने जा रहा है, जहां यात्रियों को रेलवे, मेट्रो और बस तीनों सुविधाएं एक ही जगह उपलब्ध होंगी.

आधुनिक सुविधाओं और तेज़ यात्रा

सराय काले खां स्टेशन हज़रत निज़ामुद्दीन रेलवे स्टेशन और आईएसबीटी से सीधे वॉकवे और फुटओवर ब्रिज के जरिए जुड़ा हुआ है. यात्री यहां उतरकर मेरठ या गाजियाबाद की दिशा में आसानी से मेट्रो या बस से दिल्ली के किसी भी हिस्से तक जा सकेंगे. 

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नमो भारत ट्रेनें औसतन 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी और अधिकतम 160 किमी प्रति घंटा तक जा सकती हैं. इससे दिल्ली से मेरठ की यात्रा सिर्फ 60 मिनट में पूरी होगी, जबकि सड़क मार्ग से यह दो से ढाई घंटे लगते हैं. स्टेशन में एस्केलेटर, लिफ्ट, सीसीटीवी, प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर और डिजिटल गाइडेंस सिस्टम जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं.

पर्यावरण-अनुकूल डिजाइन और भविष्य की योजनाएं

स्टेशन का डिजाइन पूरी तरह पर्यावरण-अनुकूल है. इसमें सोलर पैनल, जल पुनर्चक्रण प्रणाली और ऊर्जा बचत वाले उपकरणों का इस्तेमाल हुआ है.

 स्टेशन के ऊपर ऑफिस, होटल और कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स विकसित करने की योजना भी है. मेक इन इंडिया के तहत इस कॉरिडोर पर दौड़ने वाली सभी नमो भारत ट्रेनें देश में बनी हैं. 

ट्रायल रन सफलतापूर्वक पूरा हो चुका है और अब इन्हें जनता के लिए शुरू करने की तैयारी है. इस स्टेशन के शुरू होने से दिल्ली–एनसीआर की यात्रा व्यवस्था में बड़ा बदलाव आएगा और यह आने वाले समय में अन्य रैपिड रेल कॉरिडोरों के लिए केंद्रीय कनेक्शन पॉइंट भी बनेगा. कुल मिलाकर, सराय काले खां स्टेशन सिर्फ एक रेलवे स्टेशन नहीं, बल्कि दिल्ली के ट्रांसपोर्ट नेटवर्क का “दिल” बनने जा रहा है, जहां से तेज, सुरक्षित और स्मार्ट सफर की नई शुरुआत होगी.