पानीपत की छात्रा शहीन मलिक पर हुए दिल दहला देने वाले एसिड अटैक मामले में आखिरकार 16 साल बाद फैसला आने जा रहा है. दिल्ली स्थित रोहणी कोर्ट के एडिशनल सेशन जज जगमोहन सिंह 24 दिसंबर को दोपहर 2 बजे इस बहुचर्चित मामले में अपना फैसला सुनाएंगे. इस केस में तीन आरोपियों पर शहीन पर एसिड फेंकने की साजिश रचने का आरोप है.

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दरअसल, साल 2009 में शहीन मलिक हरियाणा के पानीपत स्थित पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी से एमबीए की पढ़ाई कर रही थीं. उस दौरान उनके तत्कालीन बॉस ने, जो शादीशुदा था, उन्हें लगातार परेशान करना शुरू कर दिया. कई हफ्तों तक चली इस प्रताड़ना के बाद मामला इतना बढ़ा कि आरोपी की पत्नी ने कथित तौर पर यूनिवर्सिटी के एक छात्र के साथ मिलकर शहीन पर एसिड अटैक की साजिश रची. इस हमले ने शहीन की जिंदगी हमेशा के लिए बदल दी. 

सुप्रीम कोर्ट ने एसिड की खुलेआम बिक्री पर लगाई थी रोक

वहीं इस घटना के बाद देशभर में जबरदस्त आक्रोश देखने को मिला. एसिड अटैक जैसे जघन्य अपराध पर राष्ट्रीय बहस शुरू हुई. मामले की सुनवाई 2013 में पानीपत से दिल्ली ट्रांसफर की गई. इसी दौर में सुप्रीम कोर्ट ने भी दखल देते हुए एसिड की खुलेआम बिक्री पर रोक लगाने और सख्त दिशा-निर्देश जारी किए.

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हिम्मत नही हारी शहीन, एसिड अटैक पीड़ितों की बनी मजबूत आवाज

भले ही शहीन को शारीरिक और मानसिक रूप से गहरे जख्म मिले, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. आज शहीन मलिक एसिड अटैक पीड़ितों के लिए एक मजबूत आवाज बन चुकी हैं. वह एक एनजीओ चला रही हैं जो पीड़ितों को मेडिकल सहायता, सुरक्षित रहने की जगह और रोजगार से जुड़ी ट्रेनिंग उपलब्ध कराता है. 

कोर्ट के फैसले पर टिकी सभी निगाहें

हाल ही में शहीन द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने एसिड अटैक मामलों में हो रही देरी को लेकर स्वतः संज्ञान लिया था. कोर्ट ने सभी राज्यों से लंबित मामलों और पीड़ितों को मिलने वाले मुआवजे में हो रही देरी का ब्योरा भी मांगा है. फिलहाल अब सबकी नजर 24 दिसंबर को आने वाले फैसले पर है.