Omicron Variant: आईआईटी दिल्ली के शोधकर्ताओं ने 90 मिनट के भीतर कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन की पहचान करने के लिए एक RT-PCR आधारित तकनीक विकसित की है. अभी इसकी जांच और पहचान करने में तीन दिनों से अधिक का समय लग जाता है. इसे संस्थान के कुसुमा स्कूल ऑफ बायोलॉजिकल साइंसेज द्वारा विकसित किया गया है. इसके लिए संस्थान ने एक भारतीय पेटेंट आवेदन दायर किया है है. इंडस्ट्री के पार्टनर्स के साथ इसे आगे बढ़ाने पर भी काम चल रहा है।


अभी 3 दिन लगता है समय
यह तकनीक ओमिक्रोन वेरिएंट में मौजूद खास तरह के न्यूटेशन को डिटेक्ट करने पर आधारित है. यह उस खास न्यूटेशन को पता कर लेगी जो कोरोना के बाकी वेरिएंट में नहीं है लेकिन ओमिक्रोन वेरिएंट में है. अभी दुनियाभर में ओमिक्रोन की पहचान नेक्ट जेनरेशन सिक्वेंसिंग बेसड मेथड का इस्तेमाल करके की जाती है. इसमें 3 या इससे अधिक दिन लग जाते हैं.  आईआईटी दिल्ली द्वारा विकसित की गई इस नई तकनीक के इस्तेमाल से ओमिक्रोन वेरिएंट की पहचान 90 मिनट के अंदर की जा सकेगी.


पहले भी किट विकसित किया था
बता दें कि IIT दिल्ली भारत का पहला शैक्षणिक संस्थान था  जिसे आरटीपीसीआर टेस्ट किट बनाने के लिए आईसीएमआर से मंजूरी मिली थी. इस संस्थान ने कोरोना जांच के लिए जो तरीका विकसित किया था उसकी वजह से बहुत कम पैसे में कोरोना की जांच हो जाती है. लागत कम होने से जांच की संख्या बढ़ाई गई और बड़े पैमाने पर टेस्ट किया गया. बता दें कि देश में अभी तक कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रोन के 53 मामले सामने आ चुके हैं. आज राजस्थान में 8 मामले सामने आए. 


ये भी पढ़ें:


तेजस्वी यादव ने दिल्ली में शादी की तो नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति को क्यों नहीं बुलाया? पटना में दिया जवाब


Punjab Election 2022: मायावती ने किया दावा- पंजाब में बनेगी अकाली दल और बीएसपी की सरकार