Delhi Cabinet Ministers: दिल्ली की मुख्यमंत्री के रूप में बीजेपी विधायक रेखा गुप्ता ने आज शपथ ग्रहण कर लिया है. दिल्ली में आज शपथ ग्रहण करने वाले कैबिनेट मंत्रियों में कौन सबसे अधिक धनी है, कितने फीसदी के ऊपर आपराधिक मामले दर्ज हैं. सीएम रेखा गुप्ता के साथ ही इन मंत्रियों की क्वालिफिकेशन क्या है. इस संबंध में पूरी जानकारी एडीआर की रिपोर्ट के आधार पर पेश है.
दरअसल दिल्ली में विधानसभा चुनाव 2025 से पहले मंत्रियों (उस वक्त बीजेपी उम्मीदवार) द्वारा पेश की गई एफिडेविट में खुद को लेकर जो जानकारी दी गई है, उसके मुताबिक आज शपथ लेने वाले दिल्ली के मंत्रियों में 71 फीसदी आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं.
एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली के कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ग्रहण करने वाले सात मंत्रियों में से पांच यानी 71 प्रतिशत मंत्रियों ने एफिडेविट में अपने खिलाफ आपराधिक मामले की जानकारी दी है, जबकि दो मंत्री यानी 29 प्रतिशत अरबपतियों की श्रेणी में शामिल हैं.
एडीआर की रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि एफिडेविट में कैबिनेट के जिन पांच मंत्रियों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं. उनमें दिल्ली की नई मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता भी शामिल हैं.इनमें से एक मंत्री यानी आशीष सूद गंभीर आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे हैं. दिल्ली की कैबिनेट में कौन मंत्री है सबसे धनी?
बात आर्थिक स्थिति स्तर पर की जाए तो कैबिनेट के दो मंत्री यानी 29 प्रतिशत अरबपति हैं, इनमें सबसे अधिक संपत्ति वाले मंत्री मंजिंदर सिंह सिरसा हैं. ये राजौरी गार्डन निर्वाचन क्षेत्र से विधायक हैं, इनकी घोषित संपत्ति 248.85 करोड़ रुपये है और वहीं सबसे कम घोषित कुल संपत्ति वाले मंत्री कपिल मिश्रा हैं, जो करावल नगर निर्वाचन क्षेत्र से विधायक हैं, इनकी संपत्ति 1.06 करोड़ रुपये है.
एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली कैबिनेट के सात मंत्रियों की औसत संपत्ति 56.03 करोड़ रुपये है. सभी सात मंत्रियों ने अपने ऊपर देनदारियों की भी घोषणा की है, जिसमें नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र के परवेश साहिब सिंह पर 74.36 करोड़ रुपये यानी सबसे अधिक देनदारी है.
मंत्रियों के क्वालिफिकेशन
छह मंत्रियों (86 प्रतिशत) ने स्नातक स्तर या उससे ऊपर की शैक्षणिक योग्यताएं घोषित की हैं, जबकि एक मंत्री ने केवल 12वीं कक्षा पास की है. उम्र के मामले में पांच मंत्री (71 प्रतिशत) 41 से 50 वर्ष के बीच हैं, जबकि शेष दो (29 प्रतिशत) 51 से 60 वर्ष के बीच हैं. कैबिनेट में केवल एक महिला मंत्री शामिल हैं, जो मुख्यमंत्री हैं.
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