दिल्ली में मंत्री पद और आम आदमी पार्टी से इस्तीफा देने वाले राजकुमार आनंद ने कहा कि वो चाहते तो विधानसभा की सदस्यता से भी इस्तीफा दे सकते थे. उन्होंने कहा कि पटेल नगर के लोग उन्हें बहुत प्यार करते हैं. यहां के लोगों से सलाह करने का सोचा. अगर यहां के लोग कहते हैं की इस्तीफा दे देना चाहिए तो इस्तीफा देने को तैयार हैं.


राजकुमार आनंद ने कहा, "जब मैंने मंत्री पद से इस्तीफा दिया. मैं चाहता तो विधानसभा की सदस्यता से भी इस्तीफा दे सकता था. लेकिन फाइनली मेरे एरिया के लोग, पटेल नगर के लोग मुझे बहुत प्यार करते हैं. मैंने यही सोचा कि उन सबसे पूछकर, उनसे एक बार सलाह लेने के बाद कि हमें इस्तीफा देना चाहिए कि नहीं. अगर वो कहते हैं कि दे देना चाहिए, हमें राजकुमार आनंद जैसा विधायक नहीं चाहिए तो मैं बिल्कुल उसी समय इस्तीफा देने को तैयार हूं."






पूर्व मंत्री ने कहा, "अगर लोग कहते हैं कि जब तक अगला इलेक्शन न हो पटेल नगर की व्यवस्था को संभालिए और काम करिए तो मैं उसके लिए भी तैयार हूं." इसके साथ ही उन्होंने कहा, "मैंने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री आवास पर भिजवाया. उनको मिल गया होगा. मेरे पास अभी तक कोई जानकारी नहीं आई है कि वो स्वीकार किया गया है या नहीं."


क्या आपके ईडी के दवाब में आकर इस्तीफा दिया है, इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, "ईडी में मेरा तो कोई केस है भी नहीं. जो ईडी के लोग आए थे उसमें एक्साइज घोटाले का मनी ट्रेल ढूंढ़ते हुए सबके पास जा रहे थे. मेरे पास भी आए थे. मेरा पास से कुछ नहीं मिला. न मैं किसी भ्रष्टाचार में लिप्त पाया गया. 2005 में मेरे ऊपर कस्टम का एक केस हुआ था. सब जानते हैं. उसका एक केस चल रहा है मेरे ऊपर जो कि सब ज्यूटिस है." 


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