Delhi Property Registration: दिल्ली में अब प्रॉपर्टी रजिस्ट्री की प्रक्रिया को आसान बनाया जा रहा है. किसी भी सब-रजिस्ट्रार के ऑफिस में रजिस्ट्री कराने की सुविधा दिल्ली के लोगों को मिल सकेगी. इसके लिए पूरी दिल्ली को एक जिला के रूप में घोषित किया जाएगा. इससे भ्रष्टाचार और उत्पीड़न पर अंकुश लगेगा और सब-रजिस्ट्रार ऑफिस में चक्कर लगाने वालों को राहत मिलेगी. इसके लिए सभी सब-रजिस्ट्रार कार्यालय सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में होंगे. सीसीटीवी कैमरों की फीड सीधे सेंट्रल कमांड एंड कंट्रोल सेंटर को भेजी जाएगी. पूरे कार्यालयों के हर भाग में सीसीटीवी कैमरे होंगे, जिससे वहां आने-जाने वाले लोगों और उनकी गतिविधियों पर भी नजर रखी जा सकेगी.
इसके लिए उपराज्यपाल विनय सक्सेना की तरफ से मंजूरी भी दे दी गई है. साथ ही फर्जी शिकायतों को रोकने के लिए अब शिकायतकर्ता की ओर से साक्ष्य को भी अपलोड करना अनिवार्य होगा. शिकायतकर्ताओं का आधार प्रमाणीकरण अनिवार्य करने के भी निर्देश दिए गए हैं. वहीं शिकायतकर्ता को एक ई-शपथ पत्र प्रस्तुत करना होगा कि शिकायत में प्रदान की गई सभी जानकारी तथ्यात्मक रूप से सही है.
किसी भी सब-रजिस्ट्रार के ऑफिस में करा सकेंगे रजिस्ट्रेशन
सब-रजिस्ट्रार कार्यालयों में भ्रष्टाचार और नागरिकों के उत्पीड़न को कम करने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए एलजी ने संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन के लिए पूरी दिल्ली को एक ही जिला घोषित करने के लिए कहा है. यह प्रयोग 2015 में आंध्र प्रदेश में किया गया था, जहां किसी भी सब-रजिस्ट्रार कार्यालय में जाकर राज्य के किसी भी जिले में संपत्ति का रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है. इस कदम से संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन के लिए नागरिकों को किसी एक निश्चित सब रजिस्ट्रार ऑफिस में जाने की जरूरत नहीं होगी बल्कि वह दिल्ली में स्थित किसी भी सब-रजिस्ट्रार ऑफिस में अपना पंजीकरण करा सकते हैं.
भ्रष्टाचार पर प्रभावी रोक लगने की उम्मीद
एलजी का मानना है कि इस व्यवस्था से भ्रष्टाचार पर प्रभावी रोक लगने की उम्मीद है. साथ ही किसी भूमि के स्टेटस को लेकर राजस्व विभाग की ओर से जारी किए जाने वाले एनओसी को भी पूरी तरह ऑनलाइन किया जाएगा. इसमें किसी भी मानवीय हस्तक्षेप की जरूरत नहीं होगी. यह पूरी तरह फेसलेस होगा. एलजी ने अलग-अलग सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार को कम करने के लिए सतर्कता विभाग की ओर से उठाए गए कदमों की समीक्षा की और इन दफ्तरों में दलालों की घुसपैठ को रोकने और सरकारी कार्यालयों में अधिक पारदर्शिता लाने के लिए कई दिशा-निर्देश जारी किए हैं.
फाइलों की स्क्रूटनी को भी पूरी तरह से फेसलेस बनाने के निर्देश
एलजी ने सब-रजिस्ट्रार ऑफिस, ट्रांसपोर्ट ऑफिस, ट्रेड, टैक्स और एक्साइज ऑफिस सहित इस तरह के जनता से जुड़े दफ्तरों में दलालों पर लगाम और भ्रष्टाचार के खिलाफ पारदर्शिता लाने के लिए अधिकारियों को नियमित तौर पर औचक निरीक्षण के साथ-साथ छापे मारने के भी दिशा-निर्देश दिए. बैठक में एलजी ने यह भी निर्देश दिया कि ट्रेड एंड टैक्स विभाग में फाइलों की स्क्रूटनी को भी पूरी तरह से फेसलेस बनाया जाए और सभी वजीफे, पेंशन-स्कॉलरशिप आदि का भुगतान केवल डायरेक्ट बनेफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से सीधे बैंक खातों में किया जाएगा.
सतर्कता विभाग की ओर से उठाए गए कदमों की हुई समीक्षा
सरकारी दफ्तरों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए एलजी ने बुधवार को दिल्ली सरकार के सतर्कता विभाग की ओर से उठाए गए कदमों की समीक्षा की. समीक्षा बैठक में भ्रष्टाचार के मामलों के निष्पादन और लंबित मामलों को लेकर भी चर्चा की गई. इससे पहले इन एजेंसियों के साथ 30 अगस्त 2022 को एलजी ने समीक्षा बैठक की थी. उस समय एलजी ने एजेंसियों को भ्रष्टाचार के खिलाफ एक ठोस तंत्र बनाने का निर्देश दिया था.
सीसीटीवी कैमरों से की जाएगी निगरानी
बैठक के दौरान सब-रजिस्ट्रार कार्यालयों की भ्रष्टाचार मुक्त बनाने पर जोर दिया गया, जिससे लोगों को कम से कम परेशानी हो. इसके लिए एलजी ने सभी सब-रजिस्ट्रार कार्यालयों के पूरे क्षेत्र को सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में लाने के निर्देश दिए. बैठक में एलजी को सूचित किया गया कि पिछली बैठक में उनके निर्देशों का पालन करते हुए देश में पहली बार एक ऑनलाइन शिकायत सूचना प्रबंधन प्रणाली (ओसीआईएमएस) विकसित की गई है, जिसके माध्यम से भ्रष्टाचार के मामलों में शिकायतें ऑनलाइन दर्ज की जा सकेंगी.
ऑनलाइन दर्ज कर सकेंगे शिकायत
एनआईसी की ओर से विकसित किए जा रहे पोर्टल में शिकायतकर्ताओं के लिए अपनी शिकायतों के साथ फोटोग्राफिक/वीडियो/ ऑडियो साक्ष्य ऑनलाइन अपलोड करने का भी प्रावधान होगा. भ्रष्टाचार के मामलों में शिकायत के लिए दिल्ली में भारत की पहली ऑनलाइन शिकायत सूचना प्रबंधन प्रणाली लागू होगी. इससे दिल्ली के नागरिक बिना परेशानी के सीधे ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा सकेंगे. उपराज्यपाल ने सतर्कता विभाग के अधिकारियों को सरकारी विभागों में भ्रष्ट और ईमानदार कर्मचारियों के बीच एक स्पष्ट संतुलन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है.