Delhi News: राजधानी दिल्ली से बह रही यमुना नदी (River Yamuna) राजनीति का अहम मुद्दा रही है. वक्त-वक्त पर नदी में बनने वाले झाग ने लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है. ऐसे में एक बार फिर यमुना नदी में जहरीले झाग को देखकर लोगों की चिंता बढ़ गई है. सोशल मीडिया पर आए दिन यमुना में तैरते झाग की तस्वीरें देखने को मिल रही है. यमुना का पानी इस स्तर तक प्रदूषित हो सकता है ये हर किसी के लिए चिंता का विषय का है. जानकारों की मानें तो यमुना नदी के प्रदूषण के पीछे अशोधित सीवेज और डिटर्जेंट जिम्मेदार है. 

यमुना के पानी में फास्फेट की मात्रा भी बढ़ गई है

दरअसल दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के रंगाई उद्योगों , धोबी घाटों और घरों में इस्तेमाल किए जाने वाले डिटर्जेंट से यमुना नदी में जहरीला झाग इस स्तर तक पहुंचा है. जिस वजह से यमुना के पानी में फास्फेट की मात्रा भी बढ़ गई है. साल 2021 में छठ पूजा के समय यमुना में जहरीले झागों के बीच में पूजा करती महिलाओं की तस्वीरों नें पूरी दुनिया का ध्यान इस ओर खींचा था. उस समय दिल्ली सरकार ने नावों को झाग हटाने के लिए तैनात किया था जिस वजह से सरकार को खूब कटाक्ष किया जा रहा था.

जानकारों के मुताबिक यमुना में जहरीले झाग की समस्या तब तक रहेगी. जब तक कि दिल्ली में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट को नए मानकों को पूरा करने के लिए अपग्रेड नहीं कर दिया जाता और हर कॉलोनी को सीवेज नेटवर्क से नहीं जोड़ा जाएगा तब तक यमुना का यही हाल रहेगा. 

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