प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘स्वदेशी अपनाओ’ की अपील को देश के व्यापारियों का जबरदस्त समर्थन मिला है. कन्फ़ेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने ऐलान किया है कि 10 अगस्त से देशभर में 'भारतीय सामान - हमारा स्वाभिमान' नाम से एक राष्ट्रीय अभियान शुरू किया जाएगा. इस अभियान का मकसद लोगों को भारतीय उत्पाद खरीदने और बेचने के लिए प्रेरित करना है. 

यह फैसला नई दिल्ली में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय व्यापारी सम्मेलन में लिया गया, जिसमें देश के 26 राज्यों से आए 150 से ज्यादा प्रमुख व्यापारी नेताओं ने हिस्सा लिया. सम्मेलन में प्रधानमंत्री की ‘भारतीय सामान खरीदो और बेचो’ अपील को भारत की अस्मिता और आत्मनिर्भरता का प्रतीक बताया गया. 

'देशी उत्पादों को बढ़ावा देने से देश में रोजगार बढ़ेगा'

कैट के राष्ट्रीय महामंत्री और चांदनी चौक से सांसद प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि विदेशी कंपनियों की एकाधिकारवादी नीतियों से भारतीय छोटे व्यापारी और कुटीर उद्योग प्रभावित हो रहे हैं. उन्होंने कहा, ''अगर हम देशी उत्पादों को बढ़ावा देंगे तो देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी रोजगार बढ़ेगा और देश आत्मनिर्भर बनेगा.''

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी. भरतिया ने क्या कहा?

  • कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी. भरतिया ने जानकारी दी कि यह अभियान देश के 48,000 से अधिक व्यापारी संगठनों की भागीदारी से चलाया जाएगा.
  • उन्होंने कहा कि हर राज्य और जिले में व्यापारी सम्मेलन, जन संवाद, रैलियां, सोशल मीडिया अभियान और पोस्टर के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाएगा. 
  • स्कूल, कॉलेज, व्यापार मंडल, एनजीओ और आम नागरिकों को भी इस मुहिम से जोड़ा जाएगा.

'ग्रामीण अर्थव्यवस्था और हस्तशिल्प को मिलेगा बढ़ावा'

व्यापारी नेताओं ने कहा कि भारतीय उत्पादों की गुणवत्ता अब किसी भी विदेशी उत्पाद से कम नहीं है. उनकी कीमत भी आम आदमी के लिए उपयुक्त है. स्थानीय कारीगरों उद्यमियों और व्यापारियों को समर्थन देने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था और हस्तशिल्प को बढ़ावा मिलेगा. विदेशी वस्तुओं की अधिक खपत से देश का व्यापार घाटा बढ़ता है जिसे कम करना जरूरी है.

कैट ने सभी व्यापारियों से अपील की है कि वे अपने दुकानों पर केवल भारतीय सामान उपलब्ध है जैसे पोस्टर लगाएं और ग्राहकों को स्वदेशी वस्तुएं खरीदने के लिए प्रोत्साहित करें.

‘आत्मनिर्भर भारत’ के सपने को साकार करेगा अभियान!

यह अभियान प्रधानमंत्री मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के सपने को साकार करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है. पहले भी कोविड-19 के दौरान जब चीन से आयात पर सवाल उठे थे तब देश में स्वदेशी को लेकर माहौल बना था. अब व्यापारी संगठन इसे संगठित रूप से आगे बढ़ाने में जुट गए हैं.