दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने पुलिस द्वारा दायर उस चार्जशीट पर संज्ञान ले लिया जिसमें स्वयंभू बाबा चैतन्यानंद सरस्वती पर एक निजी मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट की 17 छात्राओं के यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया है. ज्यूडिशियल मैजिस्ट्रेट अनिमेश कुमार ने पुलिस से एक धारा पर स्पष्टीकरण मांगा था, जिसे अदालत में मौजूद एडिशनल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर राघव खुराना ने स्पष्ट किया. इसके बाद अदालत ने चार्जशीट स्वीकार कर ली.
पटियाला हॉउस कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए तिहाड़ जेल से पेश हुए चैतन्यानंद ने अदालत में दावा किया कि जेल में एक एएसआई ने उनके साथ हाथापाई की है. उन्होंने कहा कि वे सीनियर सिटीजन हैं और उनके साथ मारपीट की गई. अदालत ने इस शिकायत पर कहा कि मामले की सुनवाई 29 नवंबर को की जाएगी.
दिल्ली पुलिस ने 1077 पेज की चार्जशीट दाखिल की
दिल्ली के वसंत कुंज स्थित श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट की 17 छात्राओं की शिकायत पर दर्ज किए गए इस मामले में पुलिस ने 1077 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की. इसमें 43 गवाहों के बयान शामिल हैं.
पुलिस ने चैतन्यानंद सरस्वती, भावना कपिल, श्वेता और काजल पर यौन उत्पीड़न (BNS 75-2), महिला की गरिमा भंग (BNS 79), झूठा बयान देने के लिए धमकाने (BNS 232), गंभीर नुकसान की धमकी (BNS 351-3) और सबूत मिटाने (BNS 238-B) जैसे आरोप लगाए हैं. इन धाराओं में अधिकतम सात साल की सजा का प्रावधान है. एक अन्य आरोपी हरीश सिंह कपकोटी को दो धाराओं में आरोपी बनाया गया है.
4 अगस्त को पुलिस ने दर्ज की थी FIR
यह मामला मार्च 2025 में उस समय शुरू हुआ जब पहली छात्रा ने शिकायत दर्ज कराई. बाद में कई छात्राएं आगे आईं. दिल्ली पुलिस ने 4 अगस्त को एफआईआर दर्ज की थी. चैतन्यानंद 55 दिन तक फरार रहा और 28 सितंबर को आगरा के एक होटल से गिरफ्तार हुआ.
मूल रूप से ओडिशा का रहने वाला चैतन्यानंद पिछले 12 साल से आश्रम में रह रहा था. साल 2009 में भी उसके खिलाफ एक मामला दर्ज हो चुका है.