वीजा रद्द होने पर पाकिस्तान वापस भेजी गई महिला ने अब लगाई दिल्ली HC में गुहार, कहा- 'मुझे भारत वापस...'
Delhi News: दिल्ली HC ने पाकिस्तानी महिला रुकैया ओबैद की वीजा याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा है. रुकैया ने भारतीय पति से शादी की है, लेकिन वीजा निलंबन के कारण उन्हें भारत छोड़ने पर मजबूर किया गया.

दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार (6 अक्टूबर) को एक पाकिस्तानी महिला की याचिका पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा. यह महिला अपने भारतीय पति के साथ रहने के लिए वीजा चाहती है. जस्टिस सचिन दत्ता की बेंच ने नोटिस जारी किया. केंद्र को हलफनामा दाखिल करने को कहा गया. अदालत ने सुनवाई 12 नवंबर के लिए तय की.
दिल्ली हाई कोर्ट में दाखिल यह मामला रुकैया ओबैद नाम की पाकिस्तानी महिला का है, जिसने नवंबर 2024 में दिल्ली निवासी उबादा अब्दुल बरकात फारूकी से पाकिस्तान में शादी की थी. शादी के बाद वह अप्रैल 2025 में पति संग भारत आईं और 18 अप्रैल को लॉन्ग टर्म वीजा के लिए आवेदन किया. 25 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों के वीज़ा निलंबित कर दिए और जारी वीजा रद्द कर दिए.
28 अप्रैल को भारत छोड़ने को किया गया मजबूर
दिल्ली हाई कोर्ट में दाखिल अर्जी में रुकैया का आरोप है कि उसने दिल्ली के फॉरेनर्स रीजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिस से देश में रहने की इजाजत मांगी लेकिन उसे एग्जिट परमिट जारी कर 28 अप्रैल को भारत छोड़ने को मजबूर किया गया.
दिल्ली हाई कोर्ट से इंसाफ के लिए की अपील
महिला की तरफ से कोर्ट में पेश वकील ने कोर्ट को बताया कि 29 अप्रैल को यानी जिस दिन वह भारत से गई उस दिन खबरें आईं कि जिन पाकिस्तानी नागरिकों के लांग टर्म वीजा आवेदन लंबित हैं उन्हें देश छोड़ने की आवश्यकता नहीं है. इसी आधार पर कई पाकिस्तानी महिलाएं जिन्होंने भारतीय पुरुषों से शादी की है, राजस्थान के जोधपुर में रह रही हैं.
रुकैया ने दिल्ली हाई कोर्ट से अपील की है कि उसे भी वैसा ही इंसाफ दिया जाए जैसा अन्य पाकिस्तानी पत्नियों को मिला है. हाई कोर्ट अब इस पर 12 नवंबर को सुनवाई करेगा.
याचिकाकर्ता पाकिस्तानी महिला ने अपनी याचिका में दलील दी कि समाचार चैनल पर आए समाचार के अनुसार राजस्थान राज्य विशेष रूप से जोधपुर के अधिकारियों ने उन पाकिस्तानी नागरिक महिलाओं को भारत में रहने की अनुमति दी थी जिनके भारतीय पुरुषों के साथ वैवाहिक संबंध हैं. याचिकाकर्ता की भी यही स्थिति है. वह समानता का अधिकार चाहती है.
Source: IOCL
























