Yogendra Yadav On Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र की मोदी सरकार लगातार पाकिस्तान पर शिकंजा कसने में लगी है. इस दौरान देश के अंदर भी कई लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है. इसमें लोक गायिका नेहा सिंह राठौर और लखनऊ विश्वविद्यालय की प्रोफेसर डॉ. माद्री काकोटी उर्फ डॉ. मेडुसा के नाम भी शामिल हैं. अब इसपर स्वराज इंडिया के प्रमुख योगेंद्र यादव ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि 'सच कहना अगर बगावत है तो समझो हम भी बागी हैं.'

मेडुसा की ओर से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर किए गए पोस्ट को शेयर करते हुए योगेंद्र यादव ने लिखा, "मैं इस पोस्ट से पूरी तरह सहमत हूं. चाहे हिंदू हो या मुसलमान या कोई और धर्म के आधार पर किसी भारतीय के खिलाफ कोई भी हमला भारत पर हमला है, संविधान पर हमला है. अगर इस पोस्ट पर मेडुसा को नोटिस मिलता है, FIR होती है, तो मुझ पर भी होनी चाहिए. सच कहना अगर बगावत है तो समझो हम भी बागी हैं."

मेडुसा ने क्या पोस्ट किया था?

दरअसल, 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए हमले के बाद 23 अप्रैल को मेडुसा ने पोस्ट किया था, "धर्म पूछकर गोली मारना आतंकवाद है और धर्म पूछकर लिंच करना, धर्म पूछकर नौकरी से निकालना, धर्म पूछकर घर न देना, धर्म पूछकर घर बुलडोज करना, वगैरह-वगैरह भी आतंकवाद है. असली आतंकी को पहचानो."

विवाद के बाद मेडुसा ने दी सफाई

उनके इस पोस्ट पर विवाद होने के बाद मेडुसा ने सफाई देते हुए 'X' पर लिखा, "पहलगाम में हुए नृशंस आतंकवादी हमले पर सरकार से सवाल पूछते वीडियो और ट्वीट के संदर्भ में मैं यह स्पष्टीकरण देना चाहती हूं, मेरे द्वारा किए गए ट्वीट और बनाए गए वीडियो में आतंकवादी/आतंकी शब्द सिर्फ और सिर्फ पाकिस्तान द्वारा समर्थित और प्रायोजित आतंकवादियों के लिए है, जिन्होंने पहलगाम में धर्म पूछकर भारतीयों की निर्मम हत्या को अंजाम दिया."

उन्होंने आगे लिखा, "इन सभी आतंकवादियों की और ऐसे पाकिस्तान समर्थित हमले की जितनी निंदा की जाए कम है. भारत की अस्मिता और अक्षुण्णता के लिए ऐसी विषम परिस्थिति में हम सभी को एकजुट रहने की सबसे ज्यादा आवश्यकता है. मेरा हर ट्वीट, हर वीडियो इसी बात को बार बार दोहराता है और दोहराता रहेगा. मुझे अत्यंत दुःख है कि एक शिक्षक होते हुए भी मैं यह समझा नहीं पाई कि मेरा आशय क्या था. भाषा विज्ञान की डिग्री रखते हुए भी मेरी भाषा इतनी साफ नहीं हो पाई कि मेरे देशवासियों तक मेरा संदेश सीधा पहुंचे."

मेडुसा ने लिखा, "देश में एकता और शांति का संदेश. मैने कभी नहीं सोचा था कि मेरे संविधान द्वारा कहे गए मेरे दायित्वों का पूर्ण श्रद्धा से निर्वहन करते हुए मुझे पाकिस्तान से जोड़ा जाएगा. इससे मेरी और मेरे विश्वविद्यालय की आत्मा पर चोट लगी है, हमारी छवि धूमिल हुई है. मेरी देशभक्ति पर सवाल खड़ा हुआ है, मुझे इस बात का खेद है कि मेरे शब्दों के अर्थ का अनर्थ हुआ है और आपको दुख पहुंचा है. मैं कल भी अपने देश और देश के लोगों के साथ खड़ी थी. आज भी हूं, और मरते दम तक रहूंगी. जय हिंद. जय संविधान."

कौन हैं मेडुसा?

बता दें कि डॉ. माद्री काकोटी उर्फ डॉ. मेडुसा लखनऊ विश्वविद्यालय की प्रोफेसर हैं. वे लगातार सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर मुखर रूप से अपनी राय रखती हैं. उनके खिलाफ लखनऊ के हसनगंज पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज की गई है. साथी लखनऊ विश्वविद्यालय की ओर से उन्हें नोटिस भी भेजा गया है.