नोएडा में बने सुपरटेक ट्विन टावर को गिराने की तैयारियां पूरी हो गई है. 28 अगस्त को ट्विन टावर को गिराया जाना है. 32 मंजिला बने इन दोनों टावर को इससे पहले 22 मई को गिराया जाना था, लेकिन तब ध्वस्तीकरण कि तैयारियां पूरी नहीं थी और इसे गिराने वाली कंपनी एडिफिस इंजीनियरिंग ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने एडिफिस एजेंसी को 3 महीने का समय दिया था और अब इसे 28 अगस्त को गिराया जाना है.


सुपरटेक के दोनो टावर की ऊंचाई 100 मीटर है और इसे गिराने वाली कंपनी ने अंदाजा लगाया है कि जब यह दोनों टावर गिरेंगे तो लगभग 3 हजार ट्रक मलबा निकलेगा. इस मलबे में लगभग 4 हजार टन तो स्टील ही होगा और इस मलबे को साफ होने में कम से कम 3 महीने का समय लग जाएगा वहीं इससे से पहले एडिफिस इंजीनियरिंग के प्रोजेक्ट उत्कर्ष मेहता ने बताया था ट्विन टावर से जो मलवा निकलेगा उसकी कीमत 13 करोड़ तक होगी  वहीं इस टावर को गिराने में लगभग 17.55 करोड रुपए का खर्च आएगा. बता दें इन टावरों में को 3700 किलो विस्फोटक लगाकर गिराया जा रहा है और इन  इन सब का खर्च सुपरटेक उठा रही है.


दरअसल नोएडा सेक्टर 93ए में सुपरटेक ने दो टावर बनाए थे यह दोनों टावर अवैध तरीके से बनाए गए जिसमें नियमों को ताक पर रख दिया गया था. जिसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा कर सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में फैसला लेते हुए इन्हें गिराने का आदेश दे दिया था. सुपरटेक के ट्विन टवर को गिराने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 30 अगस्त को फैसला लेते हुए इसे 30 नवंबर तक गिराने का समय जारी किया था. लेकिन उसके बाद यह तारीख मई 2022 तक बढ़ा दी गई और इसे 28 अगस्त 2022 को गिराया जाएगा. वहीं सप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा था ट्विन टावर को गिराने में जितना भी खर्च होगा उसे सुपरटेक बिल्डर ही देगा.


100 करोड़ का करवाया गया बीमा


बता दें ट्विन टावर को गिराने का काम कर रही एडिफिस एजेंसी ने टावर के आसपस बने घरों के नुकसान को लेकर 100 करोड़ रुपए का बीमा कराया है, इस बीमे के जरिए अगर आसपास कोई भी नुकसान होगा तो उसकी भरपाई की जा सकेगी.


जिन दो टावरों का बीमा एजेंसी ने करवाया है वो है एमरैल्ड कोर्ट और एटीएस ग्रीन विलेज. ये दोनों टावर भी पुराने है.वहीं ट्विन टावर के आसपास कुछ और भी टावर है जिनको ध्वस्तीकरण से होने वाले नुकसान का डर सता रहा है इसपर एजेंसी ने बताया कि टावर गिरने से किसी का कोई नुकसान नहीं होगा और आसपास के सोसाइटी में रहने वालों को दिक्कत न हो इसके लिए टावर को ढक दिया गया है.