Delhi News: सरकारी मुलाजिम किस लापरवाही से अपने काम को अंजाम देते हैं इसका एक बड़ा मामला दिल्ली के छतरपुर के फतेहपुर बेरी गांव से सामने आया है, जहां 21 एकड़ सरकारी जमीन गायब हो गई और प्रशासन को इस जमीन की कोई खैर खबर नहीं है. मामले के तूल पकड़ने के बाद अब जाकर प्रशासन की नींद खुली है. दरअसल फतेहपुर बेरी में ग्राम सभा की एक भूमि पर प्रशासन ने सामुदायिक भवन और पार्क बनाने की योजना तैयार की थी. जून में तत्कालनी एसडीएम (महरौली) मुकेश राजौरा ने तहसीलदार और पटवारी से उस जमीन की जानकारी मांगी थी. इसी बीच गांववालों ने उस सरकारी जमीन के आसपास की जमीन को कब्जाने और वहां प्लॉटिंग करने की शिकायत प्रशासन से की है. वहीं खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) के एक स्टाफ ने बताया कि ग्राम सभा की जमीन खसरा नंबर-1551 सरकारी फाइलों में दर्ज है, लेकिन जमीन की निशानदेही नहीं हो पाने के कारण जमीन का पता नहीं चल पा रहा है.
21 एकड़ सरकारी जमीन को पर खड़ा हो गया प्राइवेट फार्महाउस
आलम ये है कि उस 21 एकड़ सरकारी जमीन पर एक शख्स ने एकाधिकार कर लिया है और उस पूरी जमीन पर एक आलीशान फार्महाउस बना लिया है. सरकारी जमीन पर कब्जे की बात सामने आने पर प्रशासन ने तहसीलदार और पटवारी को उस जमीन का पता लगाने के निर्देश दिए थे. मौके पर जाकर जो जानकारी मिली उसने सभी के कान खड़े कर दिए. बीडीओ अजय याद ने एसडीएम महरौली को लिखे खत में बताया कि खसरा नंबर 1551 की जमीन ग्राम सभा की है, लेकिन वहां जाने का कोई रास्ता नहीं है और उस खसरे की निशानदेही भी नहीं हुई है.
जांच के बाद दोषियों पर होगी कठोर कार्रवाई
बीडीओ के स्टाफ ने बताया कि सभी सरकारी जमीनों की निशानदेही नहीं हुई है और भूमाफिया इसी का फायदा उठाते हैं. उन्होंने कहा कि ग्राम सभा की जमीन की फाइल डिमार्केशन के लिए गई हुई है. वहीं एक्सटेंशन ऑफिसर बीडीओ मोजपाल ने बताया कि ग्राम सभा की जमीन का डिमार्केशन किया जा रहा है. उस जमीन पर कब्जा करने वाले अगर दोषी पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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