Delhi News:  राजधानी दिल्ली साल 2021 में बुजुर्गों के लिए सबसे असुरक्षित रही है. हाल ही में जारी किए गए राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट्स में ये खुलासा हुआ है. हालांकि, देशभर में दर्ज किए गए कुल अपराध के मामलों में पिछले साल गिरावट आने के बावजूद दिल्ली में अपराध में बढ़ोतरी हुई है. राजधानी में बीते साल बुजुर्गों पर प्रति एक लाख की आबादी पर अधिकतम अपराध दर 101.7 रही, जोकि किसी भी राज्य या केंद्र शासित राज्य से सबसे ज्यादा थी.


NCRB की रिपोर्ट के अनुसार
वहीं देश में साल 2020 के मुकाबले 2021 में अपराध के मामले 7.6 फीसद कम दर्ज किए गए. NCRB की रिपोर्ट के अनुसार साल 2020 में एक लाख की आबादी पर अपराध दर 487.4 रहा था, जोकि अगले साल 2021 में घटकर 445.9 ही रहा. 2021 में कुल 58,09,380 लोगों को किसी न किसी धारा के तहत गिरफ्तार किया गया. 


भ्रष्टाचार के मामलों में बढ़ोतरी
भ्रष्टाचार के मामलों में भी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (Prevention of Corruption Act ) के तहत दर्ज किए गए मामलों में 20 फीसद का उछाल देखने को मिला. साल 2020 में 3123 मामलों के मुकाबले 2021 में कुल 3745 केस दर्ज किए गए. जहां सबसे ज्यादा गुजरात 95.9 फीसद, पुडुचेरी 93 फीसद और आंध्र प्रदेश में 92.9 फीसद चार्जशीट दायर की गई.


सायबर क्राइम भी बढ़ा
अन्य अपराधों के मुकाबले साल 2020 से सायबर ठगी के मामले भी 5.9 फीसद बढ़े हैं. साल 2021 में 52,974 लोग किसी न किसी तरह से सायबर अपराध जा शिकार हुए हैं. जबकि 2021 में ही तकरीबन 19.4 फीसद लोगों के साथ आर्थिक अपराध हुआ है. इसके अलावा विदेशियों पर हुए अपराध के मामलों में भी गिरावट आई है. साल 2021 में विदेशियों के साथ हुए अपराध के 150 केस दर्ज किए गए थे. 


साल 2020 के आंकड़ें 
ये आंकड़ा साल 2020 में 191 था. यानी अपराध में 21.5 फीसद की गिरावट देखने को मिली है. पीड़ितों में 58.5 फीसद एशिया महाद्वीप और यूरोप से 9.4 फीसद पीड़ित थे.वहीं विदेशियों पर दर्ज किए गए अपराध के मामले 33.5 फीसद बढ़े हैं. साल 2021 में विदेशी नागरिकों पर 2585 केस दर्ज किए गए, जोकि 2021 में 1937 थे. 


मानव तस्कर और भी सक्रिय
देशभर में मानव तस्करी एक बड़ी समस्या के रूप में सामने आई है. साल 2020 के मुकाबले 2021 में मानव तस्करी के मामले 27.7 फीसद बढ़े हैं. 2020 में ये आंकड़ा 1714 था जोकि 2021 में बढ़कर 2189 हो गया. आंकड़ा बताता है कि तस्करी के शिकार हुए 6533 लोगों में से 2877 बच्चे शामिल थे.


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