आज (22 सितंबर) से नवरात्रि का शुभारंभ हो गया है, और विधिवत् मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना पूरे देश में भक्तों द्वारा की जा रही है. मातारानी की इस विशेष पूजा को लेकर राजधानी दिल्ली और एनसीआर में भी भक्तिमय माहौल बना हुआ है. यहां कई ऐसे प्रसिद्ध मंदिर हैं, जहां नवरात्रि के दौरान श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता है.
हर दिन मां के विशेष श्रृंगार, भजन-कीर्तन और भंडारों से मंदिर परिसर गूंजते रहते हैं. श्रद्धालु दूर-दूर से यहां दर्शन करने आते हैं और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए मातारानी के आशीर्वाद की कामना करते हैं.
झंडेवालान मंदिर : प्राचीन आस्था का केंद्र
ऐसे में, अगर आप भी मातारानी के दर्शन की योजना बना रहे हैं, तो हम आपको दिल्ली-एनसीआर के उन प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में बताते हैं, जहां नवरात्रि के दौरान भक्तों की भीड़ उमड़ती है, और वहां का भक्तिमय माहौल माता की शक्ति का एहसास दिलाता है.
करोल बाग स्थित झंडेवाली माता का मंदिर दिल्ली के सबसे पुराने और प्रमुख शक्ति पीठों में गिना जाता है. नवरात्रि में यहां भक्तों की भारी भीड़ जुटती है. माना जाता है कि यहां सच्चे मन से झंडा चढ़ाने पर मां हर इच्छा पूरी करती हैं. मंदिर दर्शन का समय सुबह 5:30 बजे से रात 9:30 बजे तक निर्धारित है.
कालकाजी मंदिर की महाभारत काल से जुड़ी मान्यता
यहां पहुंचने के लिए ब्लू लाइन का झंडेवाला मेट्रो स्टेशन सबसे नजदीक है. दक्षिण दिल्ली के नेहरू प्लेस इलाके में स्थित कालकाजी मंदिर का इतिहास महाभारत काल तक जाता है. कहा जाता है कि पांडवों ने यहीं देवी काली से विजय का आशीर्वाद मांगा था. मां कालका के दर्शन के लिए दूर-दराज से लोग आते हैं.
श्रद्धालु मानते हैं कि मां कालका के दरबार से कोई खाली हाथ नहीं लौटता. यहां तक पहुंचने के लिए वायलेट लाइन का कालकाजी मेट्रो स्टेशन सबसे सुविधाजनक है. बस से आने वाले श्रद्धालु नेहरू प्लेस स्टॉप से मात्र 10 मिनट पैदल चलकर मंदिर पहुंच सकते हैं.
छत्तरपुर मंदिर में मां कात्यायनी का भव्य धाम
छत्तरपुर स्थित यह मंदिर भारत के विशालतम मंदिर परिसरों में से एक है. नवरात्रि में यहां का नजारा अलौकिक होता है. नवरात्रि के दौरान यहां मां कात्यायनी का विशेष श्रृंगार दक्षिण भारत से मंगाए गए फूलों की मालाओं से किया जाता है.
छत्तरपुर मेट्रो स्टेशन से ऑटो या रिक्शे से आसानी से यहां पहुंचा जा सकता है. डीटीसी की बस, कैब या निजी वाहन से भी यहां पहुंचा जा सकता है. पश्चिमी दिल्ली के हरि नगर में स्थित संतोषी माता मंदिर की परंपरा करीब 100 साल पुरानी मानी जाती है.
पेड़ में चुनरी बांधने की परंपरा निभाई जाती है
संतोषी माता मंदिर नवरात्रि पर अखंड ज्योत के दर्शन और मनोकामना पूरी होने तक प्रांगण में स्थित पीपल के पेड़ में चुनरी बांधने की परंपरा निभाई जाती है. भक्तों का विश्वास है कि माता हर सच्ची मन्नत पूरी करती हैं, और जब मन्नत पूरी हो जाती है, तो श्रद्धालु चुनरी खोल कर मातारानी का आभार जताते हैं.
यहां तक पहुंचने का सबसे आसान माध्यम है जनकपुरी ईस्ट मेट्रो, जहां उतर कर ऑटो या रिक्शा से आसानी से पहुंचा जा सकता है. इसके अलावा, डीटीसी की बस या फिर निजी वाहन, कैब आदि से भी यहां तक पहुंचा जा सकता है.
शीतला माता की कृपा से रोगों से मुक्ति मिलती है
गुरुग्राम स्थित शीतला माता मंदिर नवरात्रि में लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बनता है. मान्यता है कि माता के दर्शन से चेचक, खसरा और नेत्र रोग जैसे कष्ट दूर हो जाते हैं. मंदिर के पुजारी बताते हैं कि शीतला माता की कृपा से रोगों से मुक्ति मिलती है, इसलिए नवरात्रि में भक्तों का सैलाब उमड़ता है.
यहां पहुंचने के लिए हुडा सिटी सेंटर मेट्रो स्टेशन सबसे नजदीक है, जहां से मंदिर महज 15 मिनट की दूरी पर है.