Raghav Chadha News: आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने देश में टैक्स के बढ़ते बोझ का मुद्दा संसद में उठाया. उन्होंने कहा कि भारतीय नागरिक जन्म से पहले और मृत्यु के बाद तक सिर्फ टैक्स चुकाने के लिए मजबूर है.
राघव चड्ढा ने कहा कि टैक्स का बोझ इंसान के जन्म से पहले ही शुरू हो जाता है. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा:
• बच्चा पैदा होने पर अगर कोई मिठाई बांटे तो उस पर 28% GST लगता है.
• बच्चे का बचपन भी टैक्स से घिरा है – टॉयज पर 12% GST, स्कूल बैग, जूते, किताबें, पेंसिल – हर चीज़ पर टैक्स!
'युवा हो या बुजुर्ग, कोई टैक्स से बच नहीं सकता!'उन्होंने कहा कि जैसे ही कोई युवा 18 साल का होता है और अपनी पहली बाइक खरीदता है, उसे रोड टैक्स, GST, इंश्योरेंस टैक्स और फिर हर यात्रा पर टोल टैक्स देना पड़ता है.
• घर बनाना हो, तो टैक्स! ज़मीन खरीदते ही स्टैंप ड्यूटी, मटेरियल पर GST, बनाने पर GST और बेचने पर कैपिटल गेन टैक्स.
• रिटायरमेंट के बाद भी राहत नहीं – बुजुर्गों की पेंशन पर टैक्स, इलाज और दवाओं पर भी GST.
'80 करोड़ लोग फ्री राशन पर, लेकिन हर चीज़ पर टैक्स!'राघव चड्ढा ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि देश में 80 करोड़ लोग सरकारी राशन पर निर्भर हैं, लेकिन टैक्स का बोझ कम नहीं हो रहा. उन्होंने कहा कि भारत के नागरिक टैक्स तो विकसित देशों जैसा भरते हैं, लेकिन सुविधाएं गरीब अफ्रीकी देशों जैसी मिलती हैं.
• बिजली, पेट्रोल, डीजल सब पर टैक्स, खाने-पीने की चीजों पर भी टैक्स!
• FMCG प्रोडक्ट्स की बिक्री घटी, गाड़ियां नहीं बिक रही – टैक्स ने इकोनॉमी को जकड़ लिया है.
'जनता टैक्स देती है, लेकिन बदले में सिर्फ वादे मिलते हैं!'सांसद चड्ढा ने कहा कि सरकार जनता से तो हर चीज़ पर टैक्स वसूलती है, लेकिन सुविधाओं के नाम पर सिर्फ खोखले वादे देती है. उन्होंने मांग की कि सरकार को टैक्स सिस्टम में सुधार करना चाहिए, ताकि आम आदमी को राहत मिले और देश की अर्थव्यवस्था को गति मिले.
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