MCD News: आम आदमी पार्टी (AAP) ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर महापौर और उप महापौर के चुनाव से पहले दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) का बजट अधिकारियों के जरिए 'अनैतिक' तरीके से पारित कराकर दिल्लीवासियों की 'पीठ में छुरा घोंपने' का आरोप लगाया है. हालांकि एमसीडी ने एक बयान में कहा कि बजट अभी पारित नहीं हुआ है और यह अब भी विचाराधीन है. बता दें कि AAP ने यह आरोप 6 फरवरी को होने वाले महापौर चुनाव से पहले लगाए हैं.

AAP के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने दावा किया कि उन्हें अखबार में छपी खबरों से पता चला है कि एमसीडी ने अपना बजट पारित कर दिया है और इसी मकसद की वजह से महापौर और उपमहापौर के चुनाव में जानबूझकर देरी की गई है. उन्होंने कहा, 'एमसीडी का बजट एक बहुत ही महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जो बताता है कि चुनी हुई सरकार अपने वादों को पूरा करने के लिए कितना पैसा खर्च करने की उम्मीद करती है. यहीं पर टीम की सारी योजना परिलक्षित होती है और फिर शहर के लोगों की समस्याओं से निपटने के लिए मिशन मोड में काम शुरू होता है.’

BJP ने दिल्ली के नागरिकों के साथ किया विश्वासघात: भारद्वाज सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाते हुए कहा, 'लेकिन अब जो हुआ है, वह बीजेपी ने दिल्ली के नागरिकों के साथ विश्वासघात किया है. AAP से चुनाव हारने के बावजूद बीजेपी शासित केंद्र सरकार ने एमसीडी का बजट अधिकारियों के माध्यम से अवैध रूप से पारित कराया है.' बता दें कि दिसंबर में एमसीडी चुनाव हुए थे जिसमें AAP ने 250 में से134 वार्ड में जीत हासिल की थी, जबकि बीजेपी को 104 सीटें मिली थीं. AAP प्रवक्ता का कहना है कि निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पहले कहा था कि बजट पारित नहीं किया गया था. बाद में, एमसीडी ने एक बयान में कहा कि यह सूचित किया जाता है कि बजट 2023-24 अब तक पारित नहीं किया गया है और यह अब भी विचाराधीन है. छह फरवरी 2023 को निर्धारित चुनाव में महापौर के चुने जाने के बाद विचार प्रक्रिया विचारशील शाखा में स्थानांतरित हो जाएगी.

बजट पास करने वाले एमसीडी के नौकरशाह हैं: भारद्वाज कहा गया था कि निगम 15 फरवरी तक बजट कवायद को पूरी करेगा, जो डीएमसी कानून 1957 के तहत जरूरी है. सूत्रों ने बृहस्पतिवार को बताया गया था कि 6 फरवरी को होने वाली एमसीडी के सदन की बैठक में महापौर का चुनाव कराना पहला एजेंडा है. उन्होंने बताया कि इसके बाद उपमहापौर का चुनाव कराया जाएगा और फिर एमसीडी की छह सदस्यीय स्थायी समिति का चुनाव होगा. वहीं इससे पहले AAP प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा था कि एमसीडी के जिन नौकरशाहों ने बजट पारित किया है, उन्हें अगली बार एमसीडी चुनाव लड़ने के लिए कहा जाना चाहिए. यह दिल्ली के लोगों के साथ विश्वासघात है. लोगों ने एमसीडी चलाने के लिए ‘AAP ’ को चुना है, लेकिन बजट पास करने वाले एमसीडी के नौकरशाह हैं. इसका क्या मतलब है?

AAP प्रवक्ता ने कांग्रेस पर भी साधा निशानाभारद्वाज ने यह आरोप भी लगाया कि बीजेपी जहां भी चुनाव हारती है, इसी तरह की रणनीति का इस्तेमाल करने करती है. वह चुनी हुई सरकारों के कार्यों में 'बाधा डालने' के लिए राज्यपालों का इस्तेमाल करती है. AAP नेता ने कहा-'उन्होंने हमेशा कहा है कि 'दिल्ली पूर्ण राज्य नहीं है और AAP के सभी विकास कार्यों में बाधा डालने की कोशिश की. लेकिन तमिलनाडु और तेलंगाना में वे ऐसा ही कर रहे हैं, जहां के राज्यपालों ने चुनी हुई सरकारों के अधिकार क्षेत्र में दखल की कोशिश की है. कांग्रेस पार्टी भी अब तक केंद्र सरकार के साथ काम नहीं करने के लिए AAP को जिम्मेदार ठहराती थी, लेकिन उनके विधायक दूसरे राज्यों में क्या कर रहे हैं, यह देखिए.'

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