गैर-हिंदुओं की गरबा पंडालों में नो एंट्री को लेकर बहस छिड़ी हुई है. इस बीच मौलाना साजिद रशीदी ने इसे लेकर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि इस्लाम सिखाता है कि मुसलमानों को दूसरे धर्मों के त्योहारों या कार्यक्रमों में फिजिकली शामिल नहीं होना चाहिए. ये बिल्कुल हराम है. हराम से बढ़कर ये शिर्क है, जिसे अल्लाह पसंद नहीं करेगा. उन्होंने मक्का मदीना वाले बयान पर बाबा बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री पर भी हमला बोला. रशीदी ने तंज कसते हुए कहा कि अगर आपको मक्का मदीना जाना है तो आइए कलमा पढ़वा देता हूं.

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मौलाना साजिद रशीदी ने कहा, ''इस्लाम तो यही कहता है कि फिजिकली किसी के उत्सव में या इस तरह के प्रोग्राम में किसी मुसलमान को नहीं जाना चाहिए. मुबारकबाद देने तक तो ठीक है, आप मुबारकबाद दे दो, कोई बात नहीं, इस्लाम यही कहता है. शुरू से हम यही कहते आए हैं लेकिन इनको एक बीमारी थी कि साहब मुसलमान हमारे त्योहारों में शरीक नहीं होता. हम ईद पर जाते हैं, सेवई खाते हैं, मुसलमान नहीं आता. अब मुसलमानों ने जब जाना शुरू कर दिया तो इनको और नफरत बढ़ गई. अब ये लव जिहाद को लेकर देशभर में नफरत फैलाने में लगे हैं. 

मक्का मदीना जाने के लिए आपको मुसलमान होना पड़ेगा- रशीदी

मौलाना ने जिक्र किया कि अभी पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा था कि हम मक्का मदीना तो नहीं जाते हैं तो ये फिर क्यों आते हैं. मैं उन्हें पैगाम देना चाहता हूं कि मक्का मदीना में सिर्फ मुसलमान जा सकता है, अगर आपको मक्का मदीना जाना है तो आइए कलमा पढ़वा देता हूं और मैं आपको वहां साथ लेकर चलता हूं. मुसलमान होने के बाद आप घर वापसी कीजिए. चलिए मैं आपको लेकर चलता हूं मक्का मदीना, उसमें क्या दिक्कत है. लेकिन उसके लिए आपको मुसलमान होना पड़ेगा. 

शिर्क को अल्लाह माफ नहीं करेगा- साजिद रशीदी

जहां तक गरबा में जाने की बात है तो मैं फिर इस्लाम की उन तमाम बातों को दोहराता हूं कि किसी भी मुसलमान को फिजिकली किसी के त्योहार में, किसी की इबादत में शरीक नहीं होना चाहिए. ये बिल्कुल हराम है. हराम से बढ़कर ये शिर्क है, जिसे अल्लाह पसंद नहीं करेगा. वो तमाम गुनाहों को माफ कर सकता है लेकिन शिर्क को माफ नहीं करेगा, इसलिए मुसलमानों को चाहिए कि किसी को भी खुश करने के लिए चाहे वो उसका दोस्त है या उसकी महबूबा है, उन्हें सिर्फ खुश करने के लिए इस तरह की हरकत न करें, ईमान जाने का भी खतरा है.''

सच्चे धार्मिक लोग ही गरबा का आयोजन करें- VHP

उधर, विश्व हिंदू परिषद (VHP) के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा, "मां दुर्गा का महापर्व अभी चल रहा है, और इस उत्सव के दौरान लोग गहरी आस्था और भक्ति के साथ मां दुर्गा की अराधना करते हैं. पूजा के इस महान पर्व के दौरान, हमेशा कुछ लोग गड़बड़ी पैदा करने की कोशिश करते हैं. इसलिए, समाज ने यह निर्णय लिया है कि चाहे वह गरबा हो, दुर्गा पूजा पंडाल हो, या कोई अन्य धार्मिक आयोजन हो, इसका संचालन केवल उन्हीं लोगों द्वारा किया जाना चाहिए जो सच्चे धार्मिक हैं और आस्था और विश्वास के साथ कार्य करते हैं.''

जिहादियों के साथ कोई संबंध न रखें- विनोद बंसल

उन्होंने ये भी कहा, ''एक और मुद्दा भी है जिसे लोग उठा रहे हैं, वे पूछ रहे हैं कि जो लोग 'भारत माता की जय' नहीं कह सकता, जो 'वंदे मातरम' नहीं बोल सकता है वो 'मां दुर्गा की जय' कैसे बोलेगा. अगर कोई 'मां दुर्गा की जय' भी नहीं बोल सकता है तो उसे उन धार्मिक आयोजनों में क्यों आना चाहिए. क्या वो नाटक देखने जा रहा है? ऐसी चीजें बर्दाश्त नहीं करेंगे. इस पवित्र त्योहार में खासकर ये भी ध्यान रखना पड़ेगा कि जिहादियों के साथ कोई संबंध या संपर्क बनाकर न रखें. प्रशासन ये आश्वस्त करे कि जो आ रहा है वो आस्थावान हो, उसकी आईडी चेक की जाए.''