Delhi News: दिल्ली के पूर्व सीएम और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल के विपश्यना पर जाने की जानकारी आई है. जानकारी सामने आते ही बीजेपी नेता और मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा की प्रतिक्रिया आई है. सिरसा ने कहा, ''दुख की बात है कि वह आम आदमी हैं और जो वैगन-आप में घूमते थे. आज 50 से ज्यादा गाड़ियां उनके काफिले में है. उसमें दो लैंड क्रुजर है. साथ में फायर ब्रिगेड और एम्बुलेंस की गाड़ियां चल रही हैं. सौ से ज्यादा कमांडो चल रहे हैं. कैसी आम आदमी है. ये कैसी विपश्यना और शांति जिसमें 100 गनमैन चाहिए. 50 गाड़ियों का काफिला है.''

उन्होंने आगे कहा, ''पंजाब के पैसे को ऐसा उड़ा रहे हैं. विपश्यना करने नहीं बल्कि सीएम का सपना पूरा करने गए हैं. एक-एक कर विधायकों को बुलाया जाएगा और उनसे कहा जाएगा कि केजरीवाल का साथ दो. ना विपश्यना होगी ना सीएम का सपना पूरा होगा. इनका अब तक सीएम बनने का सपना है. लुधियाने की संगत संजीव अरोड़ा को जीतने नहीं देगी और ना केजरीवाल का सपना पूरा होने देगी.''

सीएम रेखा गुप्ता ने जीटीबी अस्पताल का दौरा किया था और वहां के हालात पर हैरानी जताई. ऐसा दावा किया गया है कि वहां कोविड के वक्त के 458 ऑक्सीजन कॉन्संटेटर्स, 146 वेटिंलेटर, 36 हजार पीपीआई किट और भी बहुत सारे मेडिकल एक्वीपमेंट गोदाम में मिले हैं जिनका उपयोग नहीं हुआ है. 

कोविड के वक्त इन्हें शराब नीति की चिंता थी - सिरसा

इस पर सिरसा ने कहा, ''कल सीएम ने अस्पताल का हाल देखा. पैकेटों में बंद पड़ी मशीनरी. ऑक्सीजन कॉन्संटेटर्स बंद हैं. पीपीई किट कबाड़ बन गए हैं, जब कोविड में मदद देने का समय था तो शराब की पॉलिसी बना रहे थे. उन्हें दिल्ली के लोगों की सेहत की चिंता नहीं थी बल्कि अपनी शराब नीति और पैसे की चिंता थी. वेंटिलेटर जो आदमी कबाड़ में डाल दे ये कैसा हेल्थ मॉडल है. ये करोड़ों रुपये समान सड़ रहे हैं और अखबारों में एड लगा रहे हैं.''

आप की दिल्ली के स्वास्थ्य में नहीं थी रुचि- प्रवीण खंडेलवाल

बीजेपी सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने जीटीबी अस्पताल के मामले पर कहा, ''साफ तौर पर पता लगता है कि आप की सरकार जो दिल्ली में थी उसकी कोई रुचि दिल्ली के स्वास्थ्य के बारे में नहीं थी. अनापशनाप पैसे देकर ये सब समान लिया तो गया लेकिन इसका उपयोग नहीं किया गया. उसके मूल रूप से दो कारण दिखाई देते हैं पहला तो यह कि कोविड जिस प्रकार का काल था ये लोगों को मिलता तो लोग पीएम मोदी को दुआ देते वो शायद केजरीवाल को स्वीकार नहीं था. दूसरा जिन लोगों के लिए सामान मंगवाया उनको राहत दी नहीं गई. इससे ज्यादा दुरुपयोग और स्वास्थ्य सुविधा के साथ खिलवाड़ और आता नहीं है.''

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